देवी के दस महाविद्या स्वरुप में से एक स्वरुप माँ बगलामुखी का है. इन्हें पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है. ये स्वयं पीली आभा से युक्त हैं और इनकी पूजा में पीले रंग का विशेष प्रयोग होता है. इनको स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है. सौराष्ट्र में प्रकट हुये महातूफ़ान को शान्त करने के लिये भगवान विष्णु ने तपस्या की थी और इसी तपस्या के फलस्वरुप माँ बगलामुखी का प्राकट्य हुआ था. शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिये तथा मुकदमे में विजय के लिये इनकी उपासना अचूक है. इस बार माँ बगलामुखी का जन्मोत्सव 19 अप्रैल को मनाया जाएगा.
माँ बगलामुखी के पूजा के नियम और सावधानियां क्या हैं?
- इनकी पूजा तंत्र की पूजा है अतः बिना किसी गुरु के निर्देशन के नही करनी चाहिए
- इनकी पूजा कभी भी किसी के नाश के लिये न करें
- इनकी पूजा में व्यक्ति को पीले आसन, पीले वस्त्र, पीले फल और पीले नैवैद्य का प्रयोग करना चाहिए
- इनके मन्त्र जाप के लिये हल्दी की माला का प्रयोग करें
- पूजा का उपयुक्त समय है सँध्याकाल या मध्यरात्रि
- शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिए, बगलामुखी जन्मोत्सव पर इनकी पूजा जरूर करें.
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शत्रु और विरोधियों को शांत करने के लिये कैसे करें मां बगलामुखी की उपासना?
- चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं
- इस पर माँ बगलामुखी के चित्र या प्रतिमा की स्थापना करें
- उनके सामने अखंड दीपक जलायें , उन्हे पीले पुष्प और पीला नैवेद्य अर्पित करें
- सबसे पहले इनके भैरव, मृत्युंजय की उपासना करें
- फिर बगला कवच का पाठ करें
- इसके बाद अपने संकल्प के साथ इनके मन्त्र का जाप करें
- मंत्र होगा - "ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय, जिह्ववां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा"
- कम से कम छत्तीस हज़ार या एक लाख मंत्रो का जाप करें
- अनुष्ठान के बाद दशांश हवन भी करें
दरिद्रता नाश के लिये माँ बगलामुखी की उपासना कैसे करें?
- इसके लिए नित्य प्रातः माँ बगलामुखी की उपासना करें
- हल्दी की माला से दरिद्रता नाश के मन्त्र क जाप करें
- मंत्र होगा - "श्रीं ह्रीं ऐं भगवती बगले मे श्रियं देहि देहि स्वाहा"
- पूर्ण सात्विकता बनाये रखें.
माँ बगलामुखी की सदैव कृपा पाने के लिए क्या करें?
- बगलामुखी जयंती के दिन माँ बगलामुखी को दो गाँठ हल्दी की अर्पित करें
- माँ से शत्रु और विरोधियों के शांत हो जाने की प्रार्थना करें
- एक हल्दी की गाँठ अपने पास रख लें
- दूसरी गाँठ को जल प्रवाहित कर दें
- आप हर तरह की शत्रु बाधा से सुरक्षित रहेंग.