हम अपने घर में सुंदरता के लिए , याद के लिए और पूजा पाठ के लिए विभिन्न चित्र लगाते हैं. ये चित्र रंगीन भी होते हैं , सादे भी , बड़े भी और छोटे भी. इनका सीधा असर हमारे मन पर पड़ता है. ये मन को अच्छा भी कर सकते हैं और ख़राब भी. कभी कभी ये भाग्य को भी प्रभावित कर देते हैं.
घर में पूजा उपासना के लिए कैसे चित्र लगाएं?
- पूजा उपासना के लिए घर में देवी देवता या अपने गुरु का चित्र लगाया जाता है
- ये चित्र जितना साफ़ और स्पष्ट हो, उतना ही अच्छा होगा
- इन चित्रों को पूजा स्थान या कार्य स्थल पर लगाना चाहिए
- ये इतनी ऊंचाई पर होने चाहिए कि हमारे आँखों की सीध में आ सकें
- एक साथ बहुत सारे चित्र , पूजा के लिए नहीं लगाने चाहिए
- चित्र का रंग या आकृति ख़राब होने पर उसे बदल देना चाहिए
घर में याद के लिए और प्रेम के लिए कैसे चित्र लगाएं?
- अपने शयन कक्ष में अपने विवाह के समय का चित्र लगाना चाहिए
- चाहें तो पति पत्नी का संयुक्त चित्र लगा सकते हैं
- माता पिता या भाई बहन का चित्र उत्तर की ओर लगाएं
- अगर किसी मृत व्यक्ति का चित्र लगाना है तो इसे दक्षिण दीवार पर लगाएं
- घर के डाइनिंग एरिया में संयुक्त परिवार का चित्र लाभदायक होता है
अलग अलग कामनाओं के लिए तथा भाग्य बढ़ाने के लिए कैसे चित्र लगाएं?
- घर में प्रेम बढ़ाने के लिए ड्राइंग रूम या मुख्य द्वार के आस पास फूलों या पानी का चित्र लगाएं
- आर्थिक सम्पन्नता के लिए पूजा स्थान पर, बैठी हुयी लक्ष्मी जी का चित्र लगाएं
- संतान की प्राप्ति के लिए कमल के फूल का चित्र या गाय का चित्र शयन कक्ष में लगाएं
- अच्छे स्वास्थ्य के लिए काम के स्थान पर उगते सूर्य का चित्र लगाएं
- हर तरह के कष्ट के नाश के लिए पूजा स्थान पर शिव जी या कृष्ण जी का चित्र आशीर्वाद की मुद्रा में लगाएं
चित्रों को लगाने में सामान्यतः किस तरह की सावधानियां रखें?
- जहाँ तक हो सके रंगीन और सुंदर चित्र लगाएं
- जंगली जानवरों , आग और काँटों के चित्र न लगाएं
- चित्रों को साफ़ रक्खें , उन पर धूल न जमने दें
- पूजा के स्थान पर पति पत्नी और बच्चों का चित्र तथा शयन कक्ष में देवी देवताओं के चित्र न लगाएं
- घर में बहुत सारे चित्र न लगाएं , इससे रिश्तों में उलझन पैदा होगी