मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में अप्रैल-मई में होने वाले सिंहस्थ कुंभ में खलल डालने वाले अराजक तत्व तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे से बच नहीं सकेंगे. सुरक्षा के मद्देनजर यहां 'फेस रेकग्निशन सिस्टम' (एफआरएस) का इस्तेमाल किया जाने वाला है, जो असामाजिक तत्वों के चेहरों की आसानी से पहचान कर लेगा.
5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना
उज्जैन में 22 अप्रैल से 21 मई तक क्षिप्रा नदी के तट पर सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होना है. इस आयोजन में पांच करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. इसमें असामाजिक तत्व या आतंकवादियों के खलल डालने की आशंका है. इसी के मद्देनजर सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं.
कैमरे रखेंगे कड़ी नजर
यहां आने वालों की संख्या को ध्यान में रखकर आयोजन स्थल को छह जोन में बांटा गया है. 16 सेक्टर में बांटने के अलावा 51 अस्थायी पुलिस थाने बनाए जा रहे हैं. हर सेक्टर में एक से ज्यादा थाने होंगे. इसके साथ ही 650 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने हैं. वहीं स्नान घाटों पर 11 कैमरे लगे होंगे. चार ड्रोन कैमरों के अलावा 56 निगरानी टावर स्थापित किए जाएंगे.
25 हजार पुलिस कर्मी तैनात
मेला आयोजन समिति के कार्यालय के मुताबिक, 25 हजार पुलिस कर्मियों और अधिकारियों की सेवाएं ली जाएंगी. 20 बम निरोधक दस्ते तैनात रहेंगे और तुरंत कार्रवाई करने वाले 25 दस्तों की तैनाती की योजना है. 2,500 वायरलेस सेट का इस्तेमाल होगा.
अराजक चेहरों को आसानी से बेनकाब करेगा कैमरा
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक एम.एस. वर्मा ने कहा कि अराजक तत्वों से निपटने के लिए सीसीटीवी कैमरों में 'फेस रेकग्निशन सिस्टम' का इस्तेमाल किया जाना है. यह ऐसी तकनीक है, जिससे उन चेहरों को आसानी से बेनकाब किया जा सकेगा, जो सिंहस्थ कुंभ में खलल डालने की मंशा से आएंगे.
ऐसे पहचानेगा चेहरा
उन्होंने बताया कि एफआरएस तकनीक के मुताबिक, अब तक उपलब्ध सभी अवांछित तत्वों की तस्वीरें पहले से ही अपलोड कर ली जाएंगी और कंट्रोल रूम को यह मैसेज मिल जाएगा कि पहले अपलोड की गई तस्वीर वाला व्यक्ति यहां दिखा है.
कुंभ में सुरक्षा के लिहाज से जरूरी कदम
एफआरएस तकनीक की खास बात यह है कि जिस व्यक्ति की तस्वीर पहले से अपलोड की गई होती है, उससे मेल खाता व्यक्ति जैसे ही उस कैमरे की निगाह में आता है, उसकी खबर तुरंत कंट्रोल रूम के पास पहुंच जाती है. यह तकनीक सिंहस्थ कुंभ में सुरक्षा के लिहाज से अहम साबित होगी.
गाड़ियों पर नजर रखी जाएगी
मेला आयेाजन समिति के अनुसार, इन सीसीटीवी से एक ओर जहां सड़कों से आ रहे गाड़ियों पर नजर रखी जाएगी, वहीं सेटेलाइट टाउन में कितने वाहन और कितनी भीड़ है इसकी पल-पल की जानकारी कंट्रोल रूम को मिलती रहेगी. इसके साथ ही सिंहस्थ के 11 द्वारों से प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की गिनती भी की जा सकेगी.