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ग्लोबल वार्मिंग का असर अमरनाथ पर भी, इस बार बना सबसे छोटा श‍िवलिंग

अमरनाथ में शि‍वलिंग ने आकार ले लिया है लेकिन 2 जुलाई से शुरू होने जा रही इस यात्रा पर श्रद्धालुओं को ग्लोबल वार्मिंग के चलते निराश होना पड़ सकता है...

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अन्य वर्षों की तुलना में इस बार आकार में आधा है बर्फ का यह श‍िवलिंग
अन्य वर्षों की तुलना में इस बार आकार में आधा है बर्फ का यह श‍िवलिंग

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पवित्र अमरनाथ गुफा में हर साल बनने वाली शिवलिंग की पहली तस्वीर सामने आई है. इस शिवलिंग ने पूरा आकार ले लिया है लेकिन चिंता की बात यही है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार इसका आकार काफी छोटा है.
जानकार इसका जिम्मेदार ग्लोबल वार्मिंग को ठहरा रहे हैं.

2 जुलाई से शुरू हो रही है यात्रा
इस साल की अमरनाथ यात्रा 2 जुलाई से शुरू हो रही है और अमरनाथ गुफा में हर साल बनने वाले शिवलिंग ने आकार लिया है जो यहां आने वाले हजारों शिवभक्तों के लिए अच्छी खबर है.
हालांकि मायूस करने वाली बात यह भी है कि इस साल शिवलिंग का आकार पिछले वर्षों के मुकाबले काफी कम है. बताया जा रहा है कि यह अब तक का सबसे कम आकार का शिवलिंग है.
पर्यावरण वैज्ञानिक शकील रामशू के अनुसार, शिवलिंग के आकार में कमी का यह कारण ग्लोबल वार्मिंग ही है. दरअसल इस बार घाटी में तापमान औसत से ज्यादा रहा.

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देखें साल 2015 में इस आकार का था शिवलिंग:

यात्रा के लिए लिया जायजा
इस साल की अमरनाथ यात्रा के लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसके लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड की 4 सदस्यों की टीम ने अमरनाथ गुफा जाकर वहां के जमीनी हालात का जायजा लिया.

ड्रोन से रखी जाएगी नजर
अभी अमरनाथ गुफा के आसपास काफी बर्फ मौजूद है लेकिन पिछले साल की तुलना में यह बहुत कम है. फिलहाल इस बार की यात्रा के लिए बहुत जल्द अमरनाथ गुफा के रास्ते तैयार किए जाएंगे. वहीं सुरक्षा के लिए इस साल ड्रोन के जरिए भी यात्रा पर नजर रखी जाएगी जिसका ट्रायल चल रहा है.

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