कड़ी सुरक्षा के बीच हजारों श्रद्धालुओं द्वारा निर्धारित स्थानों पर भगवान गणेश की मूर्तियों के विर्सजन के साथ ही दस दिनों तक चले गणेश चतुर्थी उत्सव का यहां समापन हो गया. विसर्जन को शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए सुरक्षा प्रबंध के तहत नगर प्रशासन, मुंबई पुलिस, अग्निशामक दल, राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) और आईटीबीपी की तैनाती की गयी थी.
ग्रेटर मुंबई नगर निगम (एमसीएमजी) की एक विज्ञप्ति के अनुसार महानगर और उपनगरों में 71 प्राकृतिक विसर्जन स्थलों के अलावा 26 कृत्रिम स्थल भी बनाये गए. गिरगांव चौपाटी, जुहू तट, पवई झील, दादर, मड घाट और मार्वे जैसे प्रमुख विसर्जन स्थलों पर 150 प्रशिक्षित अग्निशामक और जीवन रक्षा दल के कार्यकर्ताओं को लगाया गया.
सभी प्रमुख विसर्जन स्थलों पर क्रेन, वॉचटावर और दूधिया रोशनी वाली लाइट लगाई गई. इसके अलावा दक्षिण मुंबई के विभिन्न स्थानों पर 103 सीसीटीवी कैमरा लगाये गए. विसर्जन को लेकर की गई तैयारियों पर मुंबई पुलिस के एक बयान के अनुसार कानून और व्यवस्था बनाये रखने के लिए 35,055 उप निरीक्षकों और कांस्टेबलों, 4500 महिला कांस्टेबल के साथ 250 महिला अधिकारियों, एसआरपीएफ के 1,000 जवानों तथा आईटीबीपी के 250 जवानों को तैनात किया गया.
वाहनों के सुगम आवागमन के लिए यातायात पुलिस ने जरूरी कदम उठाए और 49 सड़कों को बंद करते हुए 55 को वन वे बनाया है. शहर के 99 सड़कों पर पार्किंग पर प्रतिबंध लगाया गया है. मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने भी इसके मद्देनजर साप्ताहिक ‘मेगा ब्लॉक’ को रद्द कर दिया है. बस संचालक बीईएसटी ने भी आज वातानुकूलित बसों का संचालन नहीं किया और परिवर्तित मार्गों पर केवल 1,494 बसें चलाईं.