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केपटाउन में होगा 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ

विश्‍वभर में चल रहे गायत्री परिवार के कार्यों को गति देने के उद्देश्य से देवभूमि में बसे शांतिकुंज से एक दल को दक्षिण अफ्रीका रवाना किया गया. यह दल वहां के केपटाउन शहर में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन करेगा.

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विश्‍वभर में चल रहे गायत्री परिवार के कार्यों को गति देने के उद्देश्य से देवभूमि में बसे शांतिकुंज से एक दल को दक्षिण अफ्रीका रवाना किया गया. यह दल वहां के केपटाउन शहर में 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन करेगा.

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दल का नेतृत्व करते हुए देव संस्कृति विश्‍वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या अपने दो सहयोगियों ओंकार पाटीदार एवं राजकुमार वैष्णव के साथ दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुए. उन्होंने बताया कि केपटाउन शहर के अटलांटिस में गायत्री केन फैक्टरी के उद्घाटन के अवसर पर कुण्डीय गायत्री महायज्ञ का आयोजन रखा गया है. इसमें पूरे दक्षिण अफ्रीका के अनेक गणमान्य, उद्योगपति एवं भारतीय मूल के लोग सपरिवार सम्मिलित हो रहे हैं.

केपटाउन के ईश्‍वर भाई, राजू भाई और किशोर छीता इसके संयोजक हैं जो गोल्डन इरा ग्रुप के नाम से कई उद्योग चलाते हैं. अखिल विश्व गायत्री परिवार ने देवसंस्कृति को विश्वसंस्कृति बनाने के अभिनव प्रयोग के क्रम में हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन शहर में विराट अश्वमेध महायज्ञ संपन्न कराया था.

डॉ. प्रणव पण्ड्या दक्षिण अफ्रीका के जोहन्सबर्ग के लीनेसिया स्थित गायत्री आश्रम में 11 मई को गायत्री परिवार के परिजनों को समूह साधना वर्ष के बारे में संबोधित करेंगे एवं इसकी महत्ता बताएंगे. उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत दक्षिण अफ्रीका के प्रवासी भारतीय पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला एवं महात्मा गांधी के विचारों से ओतप्रोत हैं.

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रंगभेद नीति को दूर करने में इन दोंनो महापुरुषों की विशेष भूमिका रही है. अफ्रीका महाद्वीप में भारतीय संस्कृति की जड़ें गहरी हैं और यहीं से यूरोप एवं अमेरिका में प्रवासी भारतीय फैले हैं.

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