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बारिश से रुकी चार धाम यात्रा, ऋषिकेष-बद्रीनाथ व केदारनाथ-गौरीकुंड के बीच सड़क मार्ग बंद

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण सालाना चार धाम यात्रा बुधवार को रोक दी गई. ऋषिकेष-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और केदारनाथ-गौरीकुंड के बीच सड़क मार्ग मंगलवार से जारी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण सालाना चार धाम यात्रा बुधवार को रोक दी गई. ऋषिकेष-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और केदारनाथ-गौरीकुंड के बीच सड़क मार्ग मंगलवार से जारी भारी बारिश और भूस्खलन के कारण बंद कर दिया गया है. चार धाम के तहत श्रद्धालु गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा करते हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण राज्य हाई अलर्ट पर है और यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है. हालांकि, कई यात्रियों के फंसे होने की खबर भी सामने आ रही है.

रुद्रप्रयाग में कालीमठ के नजदीक सरस्वती नदी के ऊपर बनाया गया एक पुल मंगलवार रात बह गया, जिसकी वजह से केदारनाथ से लौट रहे 164 तीर्थ यात्री फंस गए. पिछले साल 16-17 जून को अचानक आई बाढ़ में नदी के ऊपर पुल के बह जाने के बाद इस पुल का निर्माण किया गया था. मंदाकिनी और अलकनंदा नदियां उफान पर हैं और ये खतरे के निशान तक पहुंच गई हैं.

इस पहाड़ी राज्य में कई स्थानों पर भारी, अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई गई है और मौसम विभाग के अधिकारियों के अनुसार अगले तीन दिनों तक बारिश से राहत की संभावना नहीं है.

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बद्रीनाथ की तरफ जाने वाले जोशीमठ में 300 तीर्थ यात्रियों के कथित रूप से फंसे होने की खबर है और उनकी सुरक्षा के लिए राहत कार्य शुरू कर दिया गया है.

राज्य के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया, ‘इलाके में किसी को कोई खतरा नहीं है लेकिन पर्याप्त सावधानी बरती जा रही है. हमने बारिश रुकने तक चार धाम यात्रा रोक दी है.’

नदी किनारे बसे हुए इलाके के लोगों को उनके घर से निकल कर सुरक्षित स्थानों में चले जाने को कहा गया है.

गौरतलब है कि पिछले वर्ष भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में हजारों लोगों को जान गंवानी पड़ी थी और चार धाम की तरफ जाने वाली सड़कें टूट गई थी और कई गांवों की तरफ जाने वाली सड़कें या तो बिल्कुल बह गई थीं या क्षतिग्रस्त हो गई थीं.

हालांकि, एक साल गुजर जाने के बावजूद भी इन सड़कों की मरम्मत के लिए काफी कुछ नहीं किया गया है.

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