जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई इलाकों में इन दिनों बर्फ की चादर बिछी हुई है. बाबा बर्फानी यानी कि अमरनाथ मंदिर भी इन दिनों बर्फ की चादरों में लिपट गया है. जहां तक नजर जाती है, सिर्फ बर्फ ही बर्फ नजर आती है.
बर्फबारी की वजह से अमरनाथ में तापमान -6.4 डिग्री तक गिर गया है.
जानें, क्यों की जाती है अमरनाथ यात्रा?
अमरनाथ गुफा हिन्दुओं का प्रमुख तीर्थस्थल है. प्राचीनकाल में इसे ‘अमरेश्वर’ कहा जाता था. श्रीनगर से करीब 145 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अमरनाथ गुफा जो हिमालय पर्वत श्रेणियों में स्थित है. समुद्र तल से 3,978 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गुफा 160 फुट लंबी,100 फुट चौड़ी और काफी ऊंची है.अमरनाथ यात्रा : 2016 में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी
ये नजारा देश के कई हिस्सों में देखने को मिला. खासतौर से जम्मू-कश्मीर में जहां भारी बर्फबारी सैलानियों के लिए आकर्षक का केंद्र बनी हुई है, वहीं बाबा बर्फानी के भक्त इसे शिव की महिमा मान रहे हैं.
ग्लोबल वार्मिंग का असर अमरनाथ पर भी, इस बार बना सबसे छोटा शिवलिंग
बता दें कि अमरनाथ यात्रा इस साल 29 जून से शुरू होने वाली है और 7 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी.