नवरात्रि का समय संधि काल का समय होता है और इस समय प्रकृति से विशेष तरह की ऊर्जा निकलती है. इस समय माँ की उपासना से तमाम उपलब्धियां बिना किसी कठिनाई के पाई जा सकती हैं. केवल नवरात्रि में ही माँ की से ग्रहों की समस्या को बड़ी सरलता से दूर सकते हैं, अन्य समय थोड़ी कठिनाई होती है परन्तु नवरात्रि के अलावा आप नियमित रूप से माँ की पूजा उपासना से सफलता पा सकते हैं. थोड़े नियमों के पालन और सही मन्त्र तथा स्वरूप के चुनाव से आप माँ की कृपा कभी भी पा सकते हैं.
दैनिक पूजा में किस प्रकार की सावधानियां रखनी चाहिए?
- माँ की पूजा नियमित रूप से करें , बार बार उसमे विराम न दें
- माँ की पूजा काले रंग के वस्त्र पहन कर न करें
- माँ की पूजा शत्रु भाव से न करें
- माँ की पूजा अधिक से अधिक सात्विक रहकर करें
- अपनी माँ और स्त्रियों को सम्मान देना न भूलें
नियमित पूजा किस प्रकार की जाए ताकि माँ की कृपा बनी रहे?
- किसी एक स्वरूप का चुनाव करें और नियमित रूप से उन्ही की पूजा करें
- माँ की पूजा के लिए मंगलवार या शुक्रवार के दिन का चुनाव करना चाहिए
- पूजा के समय लाल,या पीले वस्त्रों का प्रयोग करें
- पूजा में कभी भी माँ को दूब या तुलसी दल अर्पित न करें
- हमेशा दीपक जलाकर ही माँ की पूजा करें
विशेष उद्देश्यों के लिए, माँ के विशेष मंत्र, जिनका प्रयोग नियमित पूजा में किया जा सकता है
- धन-सम्पत्ति,ज्ञान और भक्ति पाने का मंत्र - "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे"
- दरिद्रता दूर करने का मंत्र - "ॐ दुं दुर्गाय नमः"
- शीघ्र विवाह का मंत्र - "ॐ ह्रीं गौर्ये नमः"
- अगर आप कोई मंत्र नहीं जानते तो आप केवल नाम मंत्र जपें - "दुर्गा"
देवी का सबसे शक्तिशाली मंत्र जिसका वर्ष भर जाप करने से हर मनोकामना पूर्ण की जा सकती है
देहि मे सौभाग्यमारोग्यं देहि में परमं सुखम् ।
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ।