देवों के देव महादेव को अति प्रिय और पवित्र सावन माह का शुभारंभ शनिवार को हो गया है. पहले ही दिन से शिवमंदिरों में आस्था का सैलाब लेखने को मिला. वाराणसी में बाबा विश्वनाथ का मंदिर हो या फिर उज्जैन का महाकालेश्वर मंदिर, हर जगह श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी.
काशी के पुरोहितों की मानें तो सावन माह शिव को रिझाने और उन्हें प्रसन्न करने का सबसे उत्तम माह होता है इस पूरे महीने भगवान को जलार्पण करने से वह प्रसन्न होकर भक्त को मोक्ष का वरदान देते हैं और प्रथम दिन दर्शन करने से मंगल होता है. इस बार सावन का आरंभ और अंत शनिवार का दिन है इसलिए प्रथम दिन का दर्शन शुभ फलदायी है. इस बार सावन माह की सुहानी छांव 29 अगस्त तक बनी रहेगी.
बोल बम के नारे से गूंजा काशी
बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में शनिवार को कांवड़ियों ने गंगा स्नान कर हाथों में जल का लोटा लिया और बोलबम के नारे के साथ बाबा का जलाभिषेक किया. वाराणसी बाबा विश्वनाथ की नगरी है और बाबा का शिवलिंग बारह ज्योतिर्लिंगों में अहम स्थान रखता है लिहाजा पूरे श्रावण यहां बोलबम के जयकारे गूंजते हैं. भक्त कांधे पर कांवर और हाथों में जल का लोटा लेकर बोलबम के उद्घोष के साथ बाबा विश्वनाथ को जल चढाते हैं.
महाकालेश्वर में श्रद्धालुओं का तांता
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया गया. विधिवत पूजा-अर्चना के बीच भगवान शिव के दर्शनों के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे.
First day of the month of Sawan, special prayers offered in Mahakaleshwar temple, Ujjain (MP) pic.twitter.com/d22idc4lNf
— ANI (@ANI_news) August 1, 2015
दूधेश्वरनाथ में भी उमड़ी भीड़सवा पांच करोड़ शिवलिंगों का निर्माण
शिव की पूजा के लिए यूपी के ललितपुर में सवा पांच करोड़ शिवलिंग महज 41 दिनों में तैयार किए गए हैं. सवा पांच करोड़ पार्थिव शिवलिंग निर्माण का बुंदेलखंड में अब तक का सबसे भव्य आयोजन है. गीली मिट्टी से इतनी बड़ी संख्या में शिवलिंगों का निर्माण करने वाले श्रद्धालुओं को काफी सराहना मिल रही है.
कांवड़ियों के लिए खास इंतजाम, पुलिस चौकस
सावन के पहले ही दिन से कांवड़ियों के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. यूपी के कई शहरों से शिवभक्त निकल चुके हैं और शिवमंदिरों के बाहर लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं. किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों को संवदेनशील मानते हुए पीएसी की कई कंपनियां तैनात की गई हैं. अक्सर कांवड़ यात्रा के दौरान इन जिलों में शांति भंग की आशंका बनती दिखती है, जिसके चलते पुलिस और प्रशासन चौकन्ने हैं.