उत्तराखंड की तबाही और बर्बादी के बीच एक बड़ा सवाल अब यह उठने लगा है कि केदारनाथ में पूजा कब शुरू होगी. हरिद्वार में आज इस मुद्दे पर संतों की बैठक हुई और तय हुआ कि जल्द से जल्द पूजा शुरू होनी चाहिए, लेकिन केदारनाथ के पुजारी कहते हैं कि अभी पूजा शुरू नहीं हो सकती है.
केदारनाथ में सबकुछ तबाह हो गया. बस बाबा केदारनाथ का मंदिर बच गया. कहने वाले इसे भी चमत्कार कहते हैं और अब खौफनाक मंजर के दस दिनों के बाद साधु-संतों का समाज इस तैयारी में है कि जल्द ही बाबा की पूजा शुरू की जाए. हरिद्वार के कनखल मठ में तमाम अखाड़ों की बैठक हुई. पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने इस अहम बैठक की अध्यक्षता की. फैसला ये हुआ कि केदारधाम में जल्द से जल्द पूजा शुरू की जाए. बस सरकार से हामी का इंतजार है.
हालांकि शंकराचार्य की अगुवाई वाली इस बैठक पर केदारनाथ मंदिर के पारंपरिक पुजारी का कहना है कि बिना शुद्धिकरण के केदारनाथ की पूजा शुरू करना गलत होगा. वैसे हरिद्वार में साधु संतों की बैठक में तय हुआ कि 11 सदस्यों का एक मंडल केदारधाम जाकर वहां पहले शुद्धिकरण कराएगा और फिर विधिवत पूजा शुरू कराई जाएगी. इनका कहना है कि भगवान के मंदिर को लंबे समय तक बिना पूजा पाठ के रखना ठीक नहीं.
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि अगर सरकार तय करे तो एक दिन में पूजा शुरू की जा सकती है, लेकिन इस पूजा को लेकर अभी धार्मिक स्तर पर ही कई विवाद हैं, जिनका सुलझना जरूरी है.