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नासिक कुंभ : 12 वर्षों में एक बार खुलता है मंदिर

महाराष्ट्र के रामकुंड में मंगलवार को श्री गंगा गोदावरी मंदिर का कपाट 12 वर्षों बाद खुला और इसके साथ ही धरती पर सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक सिंहस्थ कुंभ मेला नासिक और त्रयंबकेश्वर में शुरू हो गया.

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महाराष्ट्र के रामकुंड में मंगलवार को श्री गंगा गोदावरी मंदिर का कपाट 12 वर्षों बाद खुला और इसके साथ ही धरती पर सबसे बड़े धार्मिक समागमों में से एक सिंहस्थ कुंभ मेला नासिक और त्रयंबकेश्वर में शुरू हो गया. मंदिर में दर्शन के लिए तड़के गोदावरी नदी के किनारे हजारों श्रद्धालु कतार में खड़े रहे. मंदिर 11 अगस्त, 2016 तक खुला रहेगा.

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कुंभ मेला चक्र के दौरान खुलता है मंदिर
मंदिर के पुजारी एस.डब्ल्यू.जादव और अन्य सहयोगियों ने देवी गोदावरी की पूजा-अर्चना की. इस दौरान हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे. जादव ने संवाददाताओं, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से कहा, ' यह दुनिया का अपने तरह का पहला ऐसा मंदिर है, जो नासिक में 12 वर्षों के कुंभ मेला चक्र के दौरान खुलता है. जब यह अगले 12 वर्षों के लिए बंद रहता है, तब लोग बाहर से इसकी पूजा-अर्चना करते हैं.'

कुल 108 मंदिर हैं
श्री गंगा गोदावरी मंदिर के अलावा यहां कुल 108 मंदिर हैं और पास में ही रामकुंड भी है, जो इस जगह को देश का सबसे पवित्र स्थल बनाता है. रामकुंड मंदिर भगवान शिव से संबंधित है और कपालेश्वर मंदिर देश का ऐसा पहला मंदिर है, जहां मंदिर के प्रवेश द्वार पर नंदी की जगह एक सांड है.

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शिव ने नंदी को गुरुओं में शामिल किया
उन्होंने कहा, ' ऐसा माना जाता है कि एक बार नंदी ने भगवान शिव को परामर्श दिया था कि यदि वह रामकुंड में स्नान करते हैं, तो ब्रह्म-हत्या के दोष से मुक्त हो जाएंगे. इससे प्रभावित होकर भगवान शिव ने नंदी को अपने गुरुओं में शामिल कर लिया और यही वजह है कि कपालेश्वर मंदिर के बाहर नंदी की कोई मूर्ति नहीं है.'

भगवान हनुमान का जन्म स्थल
रामकुंड भी एक पवित्र जगह है, जहां 14 वर्षों के वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने कुछ साल बिताए थे. यहां से आठ किलोमीटर दूर अंजनेरी की पहाड़ियों में वह स्थान है, जिसे भगवान हनुमान का जन्म स्थल माना जाता है.

इनपुट- IANS

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