घर में जब हो गणपति का वास तो हर मुश्किल आसान हो जाती है और अगर दिन हो गणेश चतुर्थी का, उत्सव हो गणपति की आराधना का तो बाप्पा की कृपा पाने का इससे अच्छा मौका भला और क्या हो सकता है.
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी गणपति के जन्म की तिथि. ये खास तिथि इस बार आई है सोमवार को जब विधि विधान से घर में की जाएगी बाप्पा की स्थापना और 10 दिन तक बड़े धूम-धाम से भगवान की आराधना होगी.
कहते हैं अगर गणेश चतुर्थी पर भक्त घर और कारोबार के स्थान पर गणपति की प्रतिष्ठा कर दें तो धन धान्य से भर जाता है घर और जीवन में खुशियों के हर रंग भर जाते हैं. लेकिन इसके लिए वास्तु का भी ध्यान रखना जरुरी है.
गणेश देवों के देव हैं, ऋद्धि-सिद्धि के दाता हैं और सबसे पहले पूजे जाने वाले भगवान हैं. जाहिर है ऐसे में अगर भक्तों को उनकी कृपा मिल जाए तो किसी चीज की कमी नहीं रहती. संतान के लिए तरसते लोगों के जीवन में संतान की खुशियां भर जाती हैं, तो वहीं विवाह में आने वाली अड़चनों को भी बप्पा चुटकियों में दूर कर देते हैं. यही नहीं सेहत से जुड़ी चिंताओं का भी लंबोदर समाधान कर देते हैं. बुद्धि के देवता गणपति विद्यार्थियों की पढ़ाई और परीक्षा में सफलता का भी आशार्वाद दे देते हैं.
तो ऐसा है गणपति का चमत्कार. यही वजह है कि बप्पा के भक्त साल में बाकी दिन तो उनकी पूजा करते ही हैं, लेकिन गणेश चतुर्थी का उन्हें विशेष इंतजार रहता है. क्योंकि इन दिनों में पूजा करने से कभी कोई इच्छा अधूरी नहीं रहती.