इंसान अपने कर्मों से अपनी तकदीर लिखता है और कर्मों के आधार पर ही वह अपने भविष्य का निर्माण करता है. लेकिन इस प्रक्रिया में जाने-अनजाने कुछ ऐसे दुष्कर्म हो जाते हैं, जिनके चलते इंसान किसी न किसी श्राप का भागी बन जाता है.
इसकी कई वजहें हो सकती हैं, मसलन उसने अपना दायित्व सही तरह न निभाया हो या फिर उसे यह वृक्ष वगैरह काटने से मिला हो. लेकिन इस संसार में सिर्फ महादेव ही हैं जो आपको किसी भी तरह के श्राप से मुक्ति दिलवा सकते हैं.
क्या होता है श्राप
क्या आपकी कुंडली में श्राप है
श्राप के बारे में कुंडली से पता करना ही सबसे सटीक तरीका माना जाता है. कुंडली में श्राप तब होता है...
- जब कुंडली में राहु की स्थिति ख़राब हो
- जब कुंडली में सूर्य और शनि का संबंध हो
- जब कुंडली में शनि के साथ राहु का संबंध हो
- जब हाथों के बीचोंबीच तिल हो
किन दुष्कर्मों से मिलता है श्राप
ये कुछ ऐसे कारण हैं जिनके बारे में इंसान सोचता भी नहीं है और कभी कभी जाने अनजाने में गलतियां कर बैठता है. ऐसे में श्राप कई जन्म तक इंसान का पीछा नहीं छोड़ते :
- अपने दायित्वों को न निभाना, जिसके कारण लोगों को तकलीफ हो
- बिना आवश्यकता के हरे वृक्ष कटवाना या हरे वृक्ष को खुद के स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करना
- गर्भपात करना या करवाना
- विशेष रूप से स्त्री गर्भ की हत्या करना या करवाना
- अपने पति, पत्नी या मित्र के साथ छल करना
- अपने गुरु की आज्ञा की अवहेलना करना
- गुरु का अपमान करना
श्राप से छुटकारा पाने के तरीके
अगर दायित्व न निभाए हों तो
- आगे से अपने दायित्व ठीक तरह निभाइए
- अस्पताल में दवाइयां बांटिए और रोगियों की सेवा करें
अगर हरे वृक्ष कटवाए हों तो
- लम्बी आयु तक रहने वाले ढेर सारे वृक्ष लगवाएं
- रोज पौधों में पानी डालें
- जल की बर्बादी करने से बचें
- हर रोज़ सुबह 'ऊँ गंगाधराय नमः' का जाप करें
- सूर्योदय के पहले उठकर 'ऊँ नमो भगवते रुद्राय' का जाप करें और सोमवार को अनाज न खाएं
गर्भपात किया या करवाया हो तो
- किसी भी ज्योतिर्लिंग के स्थान पर जाकर एक महीने निवास करें
- वहां हर सुबह शिव जी को जल और बेल पत्र चढ़ाएं
- 'शिव अपराध क्षमा स्तोत्र' का पाठ करें
- निर्धन लड़कियों के विवाह की जिम्मेदारी ले लें
किसी भी तरह के श्राप से मुक्ति के लिए शिव जी को भक्ति भाव से याद करने के साथ ही आप इन उपायों के जरिए अपना जीवन खुशहाल बना सकते हैं.