हिंदू धर्म में राम को विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है. भगवान राम की जिंदगी से जुड़े अहम किस्सों को रामायण में विस्तार से बताया गया है. पौराणिक कथाओं में कई ऐसे महापुरुषों और योद्धाओं का भी उल्लेख मिलता है जिनका नाम आज भी भगवान राम से जुड़ा हुआ है. आइए आपको बताते हैं राम से इनकी पहली मुलाकात कब और कहां हुई थी.
हनुमान से राम की पहली मुलाकात
भगवान राम के जीवन परिचय में हनुमान का स्पष्ट वर्णन है. रामायण के अनुसार राम-हनुमान की पहली किष्किंधा के वन में हुई थी. रामचरित मानस में इसे ‘किष्किंधा काण्ड’ के नाम से जाना जाता है. वानर सुग्रीव अपने बड़े भाई बालि के क्रोध के भय से मित्र हनुमान की शरण में आए थे. इसी दौरान ऋष्यमूक पर्वत में राम-हनुमान की पहली मुलाकात के प्रमाण मिलते हैं.
बालि से राम की मुलाकात
हनुमान से मुलाकात के बाद भगवान राम सुग्रीव की मदद को तैयार हुए थे और बालि का वध किया. किष्किंधा के राजा बालि को सुग्रीव ने राम के कहने पर ही उकसाया था और उसे महल से बाहर आने पर विवश किया था. इसलिए राम की उनसे पहली मुलाकात बालि के मरण स्थल पर ही मानी जाती है जो कि किशकिंधा पर्वतों में कहीं है.
शबरी से कहां मिले भगवान राम?
रामायण में भगवान राम और शबरी की मुलाकात का भी जिक्र है. शबरी धाम दक्षिण-पश्चिम गुजरात के डांग जिले के आहवा से 33 किलोमीटर और सापुतारा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर सुबीर गांव के पास स्थित है. माना जाता है कि शबरी धाम वही जगह है जहां शबरी और भगवान राम की मुलाकात हुई थी.
कहां हुई थी केवट से भेंट
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्रीराम तमसा नदी पहुंचे थे, जो अयोध्या से 20 करीब किलोमीटर दूर है. इसके बाद उन्होंने गोमती नदी पार की और प्रयागराज (इलाहाबाद) से 20-22 किलोमीटर दूर वेश्रृंगवेरपुर पहुंचे, जो निषादराज गुह का राज्य था. यहीं पर गंगा के तट पर उनकी केवट से पहली मुलाकात हुई थी.