प्रयागराज महाकुंभ में रविवार, 2 फरवरी को सुबह 8 बजे तक 41.90 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र डुबकी लगाई. जबकि 1 फरवरी तक 33.61 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं.इस बात की जानकारी उत्तर प्रदेश सूचना विभाग की तरफ से दी गई है.
वहीं, मौनी अमावस्या की तरह बसंत पंचमी पर भी कोई अनहोनी न हो, इसको लेकर प्रशासन शख्स हो गया. बंसत पंचमी के स्नान के लिए जो श्रद्धालु संगम पहुंच कर घाट के किनारे रुक रहे हैं, उन्हें प्रशासन की तरफ से हटाया जा रहा है. पुलिस लगातार सायरन बजाकर लोगों को हटाने का काम कर रही है.
यह भी पढ़ें: बसंत पंचमी पर उमड़ रही भारी भीड़, महाकुंभ को सुरक्षित बनाने को जुटा प्रशासन, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट
आपको बता दें कि मौनी अमावस्या में होल्डिंग एरिया में लोगों का रुकना और सोना भी भगदड़ का एक कारण बना था. यही वजह है कि प्रशासन की तरफ से यहां पर पहले से स्थिति का जायजा लिया जा रहा है. बंसत पंचमी पर किसी तरह की अनहोनी न हो, इसके लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
भगदड़ में 30 लोगों की हुई थी मौत
बुधवार तड़के मौनी अमावस्या के स्नान से पहले महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई थी. घटना के बाद अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में हैं. प्रशासन ने 3 फरवरी को होने वाले तीसरे बसंत पंचमी के स्नान की अभी से तैयारी शुरू कर दी है. इस हादसे के बाद शासन प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कुछ बड़े बदलाव और नए आदेश जारी किए हैं.
यह भी पढ़ें: प्रयागराज महाकुंभ: बसंत पंचमी स्नान से पहले घाटों पर भीड़, रजाई-गद्दा लेकर पहुंचने लगे श्रद्धालु
10 लाख लोग कर रहे हैं कल्पवास
महाकुंभ में 10 लाख से अधिक श्रद्धालु कल्पवास कर रहे हैं. बुधवार को मौनी अमावस्या पर रात 8 बजे तक 7.64 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था. गुरुवार सुबह 10 बजे तक करीब 93 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया है. यह कुंभ मेले के इतिहास में किसी भी एक दिन श्रद्धालुओं के स्नान की सबसे बड़ी संख्या बताई जा रही है. इससे पहले मकर संक्रांति को 3.5 करोड़ और मौनी अमावस्या के एक दिन पहले 28 जनवरी को करीब 5 करोड़ लोगों ने संगम स्नान किया था.