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Mahakumbh Travel Guide: मौनी अमावस्या से पहले कुंभ में आस्था का सैलाब, बस-ट्रेन-ई-रिक्शा से संगम पहुंचने की पूरी डिटेल

प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है. मौनी अमावस्या से पहले संगम नगरी में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है. चाहे बस हो, ट्रेन हो या निजी गाड़ी, संगम तक पहुंचने के हर रास्ते में भक्तों की चहल-पहल दिख रही है. कुंभ मेले की इस खास यात्रा में आजतक की यह खास रिपोर्ट आपको बताएगी कि महाकुंभ तक का सफर कैसे आसान और यादगार बनाया जा सकता है.

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संगम के लिए पैदल जाते श्रद्धालु. (Photo: Aajtak)
संगम के लिए पैदल जाते श्रद्धालु. (Photo: Aajtak)

Mahakumbh Travel Guide: अगर आप लखनऊ, दिल्ली या कानपुर से बस से महाकुंभ में आ रहे हैं तो आपकी बस प्रयागराज के सिविल लाइंस में रुकेगी. वहां से महाकुंभ पहुंचने के लिए आपको E-Rickshaw, सिटी बस या टेंपो का सहारा लेना पड़ेगा, जो आपको चुंगी या नया पुल तक छोड़ेंगे. यहां से कुंभ मेला क्षेत्र की शुरुआत लगभग 2 किलोमीटर दूर है, यहां से पैदल चलना होगा. अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो आपकी ट्रेन नैनी जंक्शन या प्रयागराज जंक्शन पर रुकेगी. प्रयागराज आने के लिए भी तमाम कुंभ स्पेशल ट्रेन चलाई गई हैं.

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कुंभ घूमने आए श्रद्धालुओं ने व्यवस्था की तारीफ की और कहा कि लगभग 5 से 6 किलोमीटर चलना पड़ा, लेकिन स्नान के बाद सब यथार्थ लगा. लोगों ने कहा कि 10 से 20  किलोमीटर तो नहीं चलना पड़ा. रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को असुविधा न हो, इसलिए साफ सुथरा वेटिंग एरिया बनाया गया है. वॉशरूम के अलावा मेडिकल के तमाम कैंप भी हैं, जहां व्हीलचेयर से लेकर स्ट्रेचर तक की व्यवस्था है.

मौनी अमावस्या से पहले कुंभ में आस्था का सैलाब, बस-ट्रेन-ई-रिक्शा से ऐसे पहुंचें संगम

स्टेशन पर हेल्प डेस्क भी बनाई गई है, जहां यात्रियों की सुविधा के लिए पुलिसकर्मी की तैनाती की गई है. वहीं, जब स्टेशन पर इन सुविधाओं का लाभ लेकर बाहर कुंभ के लिए निकलते हैं तो तमाम E-rickshaw और टेंपो मिलेंगे, जो 30 से 40 रुपये किराए पर नया पुल ड्रॉप करेंगे. वहां से पैदल यात्रा शुरू होगी. टेंपो वालों का कहना है कि नया पुल से 2 किलोमीटर चलना पड़ता है. उसके बाद संगम पहुंचने के लिए लगभग 3 किलोमीटर और चलना होगा.

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नया पुल से ट्रैफिक डायवर्ट है. श्रद्धालु यहीं से पैदल चल रहे हैं. लगभग दो किलोमीटर चलने के बाद मेला क्षेत्र की शुरुआत यानी सेक्टर वन पहुंचने के बाद गूगल मैप पर देखा तो संगम लगभग 3 किलोमीटर दिख रहा था. इसका ट्रैवल टाइम लगभग 45 मिनट था. रास्ते में चल रहे श्रद्धालु बताते हैं कि 2 किलोमीटर चलना पड़ा है. अभी 3 किलोमीटर और चलना है. कोई परेशानी नहीं है. मेला क्षेत्र में कुछ फ्री ई-रिक्शा चल रहे हैं, जो वृद्ध और महिलाओं, बच्चों के लिए लगाए गए हैं. 

इस दौरान लगभग 3 किलोमीटर और चलने के बाद संगम किनारे पहुंचे. यहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. स्नान के लिए केवल एक ही पॉइंट नहीं है, बल्कि पीपा पुल की शुरुआत और अंत में भी स्नान की व्यवस्था है. स्नान वाले दिन अधिक भीड़ के चलते गाड़ियों का आवागमन, जिनका पास भी है, वह रोक दिया जाएगा. आने के लिए सोमवार से शुक्रवार के बीच का समय ठीक है, इस दिन जाम कम मिलेगा और शायद चलना भी कम पड़ेगा.

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