अमरनाथ यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की शुरुआत हो चुकी है. जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे शुरू किया. इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होगी.
राज्यपाल श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) के अध्यक्ष हैं, जो कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में अमरनाथ की वार्षिक तीर्थयात्रा का प्रबंधन करता है. एसएएसबी ने एक बयान में कहा, 'राज्यपाल ने यात्रियों के लिए पायलट आधार पर ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया है.'
बयान में कहा गया है, 'ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा हर दिन 500 इच्छुक तीर्थयात्रियों के लिए होगी. यह दोनों मार्गो पहलगाम से 250 यात्रियों और बालताल से 250 यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी.' इसमें कहा गया है कि एक नई पहल के रूप में श्राइन बोर्ड यात्रा परमिट फॉर्म (वाईपीएफ) के क्यूआर कोडिंग/ बार कोडिंग को पेश कर रहा है. क्यूआर कोड यात्री के डेटाबेस से जुड़ा हुआ है. क्यूआर कोड वाले वाईपीएफ को एक्सेस कंट्रोल गेट्स डोमेल और चंदनवारी और मध्यवर्ती शिविरों दोनों में स्कैन किया जाएगा. इससे यात्रियों की गिनती और वास्तविक समय के आधार पर उनकी ट्रैकिंग में मदद मिलेगी.
वहीं इस बार सुरक्षा के कडे बंदोबस्त करने के भी निर्देंश दिए गए हैं. पंजीकरण तिथि और रूट स्तर पर ही यात्रियों को यात्रा के लिए इजाजत दी जाएगी. बोर्ड की ओर से पायलट स्तर पर सीमित नंबरों की ऑनलाइन पंजीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यात्रा के लिए एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा. इसमें चिकित्सा, स्वच्छता, दोनों ट्रैक पर रेलिंग की स्थापना, पर्यावरण के अनुकूल कचरा हटाने, यात्रा क्षेत्र में अनुकूल वातावरण स्थापित करने समेत अन्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
12 साल के कम उम्र के बच्चों को अनुमति नहीं
अमरनाथ यात्रा के लिए 12 साल से कम और 75 साल से अधिक उम्र वाले यात्रियों को अनुमति नहीं दी जाएगी. यही नहीं, यात्रा के सभी एंट्री प्वाइंट पर कड़ाई से जांच की जाएगी.