मथुरा नगर पालिका परिषद ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर तीर्थयात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और कृष्णभक्तों की सुविधा के लिए भोग-प्रसाद का वितरण करने हेतु भण्डारा लगाने वाले संगठनों और संस्थाओं पर दो हजार एक सौ रुपये का कर लगाया है.
भंडारे में बांटा जाता है प्रसाद
इस मौके पर मथुरा आने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए लोग जगह-जगह हर उस रास्ते पर भण्डारे लगाते हैं, जहां से श्रद्धालु गुजरते हैं. इन भण्डारों में जन्माष्टमी वाले दिन व्रत रखने वालों के लिए फलाहार, पूरी-सब्जी और प्रसाद बांटा जाता है. अगले दिन नंदोत्सव पर कढ़ी-चावल आदि व्यंजनों का भोग लगाया जाता है.
मुगलकालीन जजिया कर से तुलना
कई जगहों पर रैन-बसेरे भी स्थापित किए जाते हैं. पूर्व नगरपालिका परिषद अध्यक्ष वीरेंद्र अग्रवाल ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं से सफाई के नाम पर लिया जा रहा यह कर मुगलकालीन जजिया कर की तरह है.
ठेके पर कर्मचारी करेंगे सफाई
नगर मजिस्ट्रेट और स्थानीय निकाय प्रभारी विजय कुमार ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि भंडारे लगाने वाले सफाई की कोई व्यवस्था नहीं करते हैं. इसलिए नगरपालिका इस कर से ठेके पर कर्मचारी लगाकर सफाई व्यवस्था को अंजाम देगी.
पहले जमा करें कर
उन्होंने बताया कि प्रशासनिक स्तर पर ऐसे किसी भी संगठन या संस्था को भण्डारा लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसने पालिका का कर पहले ही जमा कर के आवेदन पत्र के साथ उसकी रसीद न लगाई हो.
इनपुट- भाषा