प्रयागराज महाकुंभ 2025 में जहां एक ओर आध्यात्मिक और धार्मिक वातावरण छाया हुआ है, वहीं सोशल मीडिया पर आईआईटी बाबा की लोकप्रियता भी बनी हुई है. आईआईटी बाबा अपनी अनोखी शैली और विचारों के कारण सोशल मीडिया पर वायरल हैं, उनको लेकर करौली सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
करौली सरकार ने इंटरव्यू में कहा कि आईआईटी बाबा जैसे लोग धर्म और सनातन परंपराओं की गरिमा को आघात पहुंचा रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जो अपने माता-पिता का सम्मान नहीं कर सकता, वह साधु या बाबा कैसे हो सकता है? करौली सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल आईआईटी बाबा को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसे व्यक्तियों को कुंभ से बाहर कर देना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि महाकुंभ 144 साल बाद आया है, यह एक दुर्लभ और पवित्र आयोजन है. यहां साधु-संतों और धर्म से जुड़ी चीजों को वायरल होना चाहिए, लेकिन वर्तमान में जो सामग्री वायरल हो रही है, वह कुंभ और सनातन धर्म की पवित्रता को दबा रही है. करौली सरकार ने यह भी कहा कि कुंभ जैसे धार्मिक आयोजनों का उद्देश्य सनातन परंपराओं का प्रचार-प्रसार करना है.
करौली सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कंटेंट पर आपत्ति जताई. वहीं हर्षा रिछारिया का समर्थन करते हुए करौली बाबा ने कहा कि वह सनातन धर्म को अपनाते हुए आई हैं. यह अखाड़े के अंदर की बात है, वह उनका डिसीजन है, कैसे सनातन धर्म को अपनाना है, किसको ज्वाइन कराना है. वह पूरी विधि-विधान से हर चीज करते हैं. धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए होता है.