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पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा की तैयारियां शुरू

पुरी के जगन्नाथ मंदिर में पुरोहितों ने भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है. पुरोहितों ने रथ निर्माण के लिए लकड़ी के कुंदों का शुद्धिकरण और अनुष्ठान किया. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

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Symbolic Image
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पुरी के जगन्नाथ मंदिर में पुरोहितों ने भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा की तैयारी शुरू कर दी है. पुरोहितों ने रथ निर्माण के लिए लकड़ी के कुंदों का शुद्धिकरण और अनुष्ठान किया. एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी.

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मंदिर के जनसंपर्क अधिकारी लक्ष्मीधर पूजापंडा ने बताया कि शुद्धिकरण अनुष्ठान मंगलवार शाम जगन्नाथ मंदिर प्रांगण में संपन्न हुआ. हर साल पुरोहित हिंदू कैलेंडर के अनुसार माघ महीने के पांचवें दिन अर्थात बसंत पंचमी को शुद्धिकरण अनुष्ठान करते हैं. बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत का आगमन माना जाता है.

पूजापंडा ने बताया कि वन विभाग ने पहले ही लकड़ी के 74 कुंदे मंदिर पहुंचा दिए थे, जिनमें से तीन कुंदों को अनुष्ठान के लिए मंदिर प्रांगण में रखा गया था. उन्होंने कहा कि इस साल रथ निर्माण के लिए कुल 865 लकड़ी के कुंदों की आवश्यकता है. पिछले साल के बचे 253 कुंदों से इस बार रथ बनाया जाएगा, जबकि शेष आपूर्ति वन विभाग कुछ दिनों में करेगा.

रथ का निर्माण वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया के दिन शुरू किया जाएगा. हर साल भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की प्रतिमा को रथ में बिठाकर जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है. चार रस्सियों से रथों को बांध कर हजारों श्रद्धालु खींचते हुए एक जगह से दूसरे जगह ले जाते हैं.

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भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष कहलाता है, जबकि बलभद्र का रथ तलध्वज और सुभद्रा का पद्मध्वज कहलाता है. इस साल लगभग सौ पारंपरिक बढ़ई मिलकर रथों का निर्माण करेंगे.

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