छत्तीसगढ़ की राजधानी की पुरानी बस्ती स्थित ऐतिहासिक महामाया देवी मंदिर में इस साल भी 31 मार्च से शुरू हो रही नवरात्रि पर घी के दीये नहीं जलेंगे. यह निर्णय चार साल पहले बाजार में नकली घी की बिक्री होने के चलते लिया गया था, जिसे बरकरार रखा गया है. काफी संख्या में श्रद्धालु घी की ज्योति जलाने के लिए पंजीयन करवाते थे. लेकिन जब नकली घी के रैकेट का पर्दाफाश हुआ तब श्रद्धालुओं की आस्था पर भी फर्क पड़ा. जो श्रद्धालु घी की ज्योति जलवाते थे वो तेल की ज्योति को प्राथमिकता देने लगे. बाजार में नकली घी मिलने की आशंका अभी भी बनी हुई है और इसे देखते हुए मंदिर कमेटी ने घी की ज्योति प्रज्जवलित नहीं करने के निर्णय को बरकरार रखा है.
महामाया मंदिर, काली मंदिर, बंजारी मंदिर, शीतला मंदिर, कंकाली मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में पांच साल पहले तेल की ज्योति 301 रुपये और घी की ज्योति 501 रुपये में प्रज्जवलित की जाती थी. मगर इस दौरान तेल की कीमत में हुई दोगुनी बढ़ोतरी के कारण ज्योति पंजीयन राशि अब पहले वाले घी-जोत शुल्क के बराबर हो गई है. पिछले साल से राजधानी के किसी भी मंदिर में तेल ज्योति प्रज्जवलित करने के लिए 501 रुपये से कम नहीं लिए जा रहे हैं.
पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि 31 मार्च से शुरू हो रही नवरात्रि इस बार पूरे नौ दिन की रहेगी. इस बार एक भी तिथि में घट-बढ़ नहीं हो रही है. महामाया मंदिर में हर साल ज्योति कलश की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले साल 8840 ज्योत प्रज्जवलित हुई थी और इस साल 10 हजार ज्योत का लक्ष्य रखा गया है.
यहां 31 मार्च को अभिजीत मुहूर्त में ज्योत कलश की स्थापना की जाएगी. 7 अप्रैल को अष्टमी तिथि पर रात्रि 12.30 बजे हवन शुरू होगा और सुबह 4 बजे तक हवन चलेगा. चूंकि महामाया मंदिर में ज्योति विसर्जन रात्रि में करने की परंपरा है इसलिए 8 अप्रैल को नवमी तिथि पर रात्रि में विसर्जन किया जाएगा. प्राय: प्रत्येक मंदिरों में नवमी को कन्या भोज संपन्न हो जाएगा वहीं महामाया मंदिर में 9 अप्रैल को दशमी तिथि पर कन्या भोज होगा.
आमापारा के शीतला मंदिर के पुजारी पंडित राकेश पांडेय के अनुसार, यहां भी घी की ज्योति नहीं जलेगी और तकरीबन 550 ज्योति प्रज्जवलित की जाएगी. आकाशवाणी काली मंदिर में भी हर साल की तरह इस साल भी 3500 ज्योत और 11 महाजोत प्रज्जवलित होगी.
महामाया मंदिर के बाद दूसरे नंबर पर रावांभाठा के बंजारी मंदिर में करीब 7 हजार ज्योत जलेगी. इसके अलावा अन्य देवी मंदिरों में भी पंजीयन कार्य शुरू हो चुका है जो 30 मार्च तक चलेगा.