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88 साल की उम्र में गुरु राम दास का निधन, हावर्ड छोड़कर पकड़ी थी अध्यात्म की राह

दुनिया भर में राम दास के नाम से मशहूर अमेरिकी आध्यात्मिक गुरु रिचर्ड अल्पर्ट का रविवार को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. हावर्ड प्रोफेसर और शोधकर्ता 1960 और 70 के दशक में चेतना की क्रांति के प्रतीक रहे हैं.

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बाबा राम दास का निधन
बाबा राम दास का निधन

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दुनिया भर में राम दास के नाम से मशहूर अमेरिकी आध्यात्मिक गुरु रिचर्ड अल्पर्ट का रविवार को 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. हावर्ड प्रोफेसर और शोधकर्ता रिचर्ड 1960 और 70 के दशक में चेतना की क्रांति के प्रतीक रहे हैं. हावर्ड यूनिवर्सिटी में मनोविज्ञान विभाग के अपने साथी टिनोती लियरी के साथ मिलकर उन्होंने अमेरिकियों समेत पूरी दुनिया को आध्यात्मिकता की राह दिखाई.

ट्विटर हैंडल गॉड से आध्यात्मिक गुरु राम दास के निधन को लेकर ट्वीट किया गया है. ट्विटर पर लोग बाबा राम दास को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.

1963 में हावर्ड यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद अल्पर्ट ने न्यू यॉर्क का रुख कर लिया था. यहां पर उन्होंने लियरी नाम के शख्स के साथ साइकोनॉट्स पर प्रयोग करना शुरू किया. हालांकि, 1967 में अल्पर्ट भारत आए और हिंदू साधु नीम करोली बाबा उर्फ महाराज से मिले. यहीं से उनकी धार्मिक यात्रा की शुरुआत हुई. 1973 में महाराज की मृत्यु के बाद अल्पर्ट ने अपना नाम राम दास रख लिया. 1974 में वह फिर से अमेरिका लौटे और बौद्ध, हिंदू, अद्वैत, योग और सूफी ज्ञान के आधार पर एक नई जिंदगी की शुरुआत की और अपनी अनोखी पद्धतियों से लोगों को अध्यात्म का पाठ पढ़ाया. राम दास की पहली पुस्तक 'In Be Here Now' पूरी दुनिया में बेहद लोकप्रिय हुई थी.

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