भारत में गंगा को पवित्र नदी का नाम दिया गया है. उसके जल को लोग अमृत तुल्य मानते हैं और इसकी पूजा करते हैं. अब हालिया अध्ययन में यह बात साबित भी हो गई है.
अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार गंगाजल का इस्तेमाल कई बीमारियों मसलन, निमोनिया, मस्तिष्क ज्वर, बर्न, घाव, सर्जरी व यूरिनल इंफेक्शन को ठीक करने में किया जा सकता है.
नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ इक्यून्स (NRCE) के हालिया अध्ययन में इस बात का खुलासा किया गया है.
दरअसल, निमोनिया, बर्न, घाव, यूरिनल इंफेक्शन आदि जिस बैक्टिरीया की वजह से होता है, उसे खत्म करने वाले बैक्टिरीयाफाज यानी कि जीवाणुभोजी गंगा में मिले हैं.
फाज थैरेपी के जरिये कई बीमारियों को ठीक किया जा सकता है. गंगाजल में 100 से ज्यादा तरह के फाज उपलब्ध हैं.
बता दें कि विदेशों में फाज थैरेपी बेहद प्रचलित है.