सावन का पावन महीना शुरू हो गया है. सावन में ऐसा कहा जाता है कि भगवान शंकर को एक लोटा जल अर्पित किया जाए और बेलपत्र अर्पित किया जाए तो भगवान शिव की कृपा आसानी से मिल जाती है. लेकिन बेलपत्र की महिमा क्या है. क्यों बेलपत्र इतना मूल्यवान है और बेलपत्र के अद्भुत प्रोयोग क्या हैं. यह भी जानना जरूरी है. सावन के महीने में बेलपत्र का सही इस्तेमाल करके हम बहुत सारी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.
ऐसा माना जाता है कि शिव जी की स्तुति डमरु बजाकर की जाए तो शिव जी खुश होते हैं, ऐसा रोज सुबह करना बहुत अच्छा होता है. ऐसा करने से व्यक्ति की आयु लंबी होती है, तनाव दूर होता है और चिंताएं खत्म होती हैं.
बेल नामक पेड़ की पत्तियों को बेलपत्र कहा जाता है. तीन पत्तियां एक ही प्रकार से जुड़ी होती हैं, इनको एक पत्ता माना जाता है. भगवान शिव जी की पूजा में बेलपत्र के अद्भुत प्रोयग होते हैं और बिना बेलपत्र के शिव जी की पूजा संपूर्ण नहीं हो सकती है. बेलपत्र के दैवीय के अलावा औषधिय प्रयोग भी हैं, इसके प्रयोग से तमाम बीमारियां गायब की जा सकती हैं.
बेलपत्र के प्रयोग की सावधानियां
एक बेलपत्र में तीन पत्तियां होनी चाहिए, पत्तियां टूटी हुई ना हो और उनमें छेद भी नहीं होना चाहिए . शिव जी को जब भी बेलपत्र अर्पित करें तो चिकनी तरफ से ही चढ़ाएं, एक ही बेलपत्र को जल से धोकर बार-बार भी चढ़ा सकते हैं. एक बेलपत्र को बार-बार पानी से धोकर भी चढ़ा सकते हैं. बिना जल के बेलपत्र अर्पित नहीं करना चाहिए
बेलपत्र के प्रयोग से विवाह होगा शीघ्र
108 बेलपत्र लें और उनपर चंदन से राम लिखें, ऊं नम: शिवाया कहते हुए बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाते जाएं. जब 108 बेलपत्र चढ़ा लें तो शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें, यह प्रयोग सावन में विशेष फलदायी होता है.
सेहत की गंभीर समस्या हल हो सकती है
सावन में किसी भी दिन 108 बेलपत्र लें, एक पात्र में चंदन का इत्र लें. बेल पत्र चंदन में डुबाते जाएं और शिवलिंग पर अर्पित करते जाएं, हर बेलपत्र के साथ ऊं हौं जूं स: कहें. इस मंत्र का जाप करने के बाद कहते जाएं की भगवा आपका स्वास्थ ठीक हो जाए. यह सावन के किसी भी कर सकते हैं.
जिनकी संतान नहीं हो रही है वो बेलपत्र के इस्तेमाल से यह सुख हासिल कर सकते हैं. अपनी उम्र जितने बेलपत्र लें. एक पात्र में दूध लें और एक-एक बेलपत्र दूध और जल में डुबोते जाएं और शिवलिंग पर अर्पित करें. हर बेलपत्र के साथ कहेंगे ऊं नमो भगवते महादेवाय कहें, संतान प्राप्ति की प्रार्थना करें. सावन के सोमवार करें तो बहुत ही शुभ होगा.
आंखों की ज्योति बढ़ाने के लिए बेलपत्र के पत्तों का रस आंखों में टपकाने से राहत मिलती है. कप से राहत पाने के लिए बेल के पत्तों का काढ़ा शहद में मिलाकर पीना अच्छा होता है. बेलपत्र के 11 पत्तों का रस निकालकर सुबह पीने से पुराना सिरदर्द ठीक हो जाता है.