2 अप्रैल को शनि और मंगल धनु राशि में बिल्कुल करीब यानी समान डिग्री पर आ जाएंगे. ज्योतिष में मंगल को क्रूर और शनि को पाप ग्रह कहा गया है. बृहत् संहिता के अनुसार, मंगल और शनि में ग्रह युद्ध होने पर राजाओं में युद्ध होता है और शस्त्र धारण करने वालों को कष्ट होता है.
कब होता है युद्ध?
जब दो ग्रह एक ही भाव में एक दूसरे के बहुत निकट होते हैं व दोनों ग्रहों की डिग्री में 10 से कम का अंतर होता है तो यह अवस्था ग्रह युद्ध की अवस्था कहलाती है. जिस ग्रह की डिग्री कम होती है वह ग्रह युद्ध में जीता हुआ माना जाता है व जिस ग्रह की डिग्री उन दोनों में अधिक हो वह ग्रह युद्ध में पराजित होता है. प्राचीन ज्योतिष के ग्रंथों के मुताबिक, ग्रह युद्ध में पराजित ग्रह को ''खल'' की संज्ञा दी गई है. साथ ही यह भी माना गया कि इस खल ग्रह की दशा-अंतर्दशा में मनुष्यों को अत्यधिक शारीरिक व मानसिक कष्ट होता है. खल ग्रह की दशा अत्यंत दुःख देने वाली, विदेश भ्रमण, क्रोधी बनाने वाली व मानसिक संताप देने वाली होती है. जानिए पंडित अरुणेश कुमार शर्मा से इस घटना का प्रभाव...देश में एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के खिलाफ दलितों का आंदोलन हिंसक हो चुका है. अचानक उग्र हुए इस आंदोलन के पीछे शनि-मंगल की युति है. धनु राशि में 14 अंश पर संचरण कर रहे मंगल और शनि घोर शत्रुता के साथ नजदीक हैं.
शनि-मंगल की युति, इन राशियों पर पड़ेगा बुरा असर
शनि समाज के पिछड़े दलित और पीड़ित पक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्हें न्याय का देवता कहा जाता है. न्यायिक मामलों में भी शनि की भूमिका महती मानी है. यह मामला भी न्यायालय के फैसले के बाद उठा है. दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों में यह आक्रोश मंगल-शनि की करीबी से उभरा है. अभी शाम तक इसके और उग्र होने की आशंका है. कारण, शनि धनु में 14 अंश 51 कला पर संचरण कर रहे हैं. मंगल 14 अंश 45 कला से आगे बढ़कर उसके करीब पहुंच रहा है. यह एक ही अंश और कला पर लगभग रात साढ़े आठ बजे से होंगे. कहा जा सकता है कि यह उग्रता देर शाम तक बनी रह सकती है.
शनि को वायु का प्रतिनिधित्व ग्रह माना जाता है. मंगल को अग्नि तत्व का प्रतिनिधि ग्रह समझा जाता है. ऐसे में आग और हवा के प्रतिनिधि ग्रहों की यह युति और तेजी से फैल सकती है. अफवाहों का सिलसिला एक बार आगे बढ़ा तो व्यवस्थापकों ओर प्रबंधकों के लिए रोकना मुश्किल हो जाएगा.
यहां यह भी विचारणीय है कि नवांश चक्र में भी ये दोनों ग्रह सिंह राशि में साथ हैं. यह भी अग्नि तत्व राशि है. इसके साथ ही धनु राशि स्वयं अग्नि तत्व राशि है. ऐसे में इस उग्रता के जल्द थमने की संभावना कम ही है. राशि चक्र की तीसरी राशि मेष पर शुक्र की मौजूदगी है जो दिखावे और आकर्षण को बढ़ावा देने वाली है. यानि लोग एक दूसरे के देखादेखी उग्रता को बढ़ावा दे सकते हैं. इसके साथ ही आज सोमवार यानि चंद्रवार है. चंद्रमा पूर्व स्मृतियों को बल देने वाला है. पुरानी बातों को लोग उभार सकते हैं. उग्र आंदोलन की आड़ में लोग बैर भाव भी निकाल सकते हैं.