शनि देव से कौन नहीं डरता, उनकी वक्री दृष्टि से हर कोई खौफ खाता है लेकिन शनिवार का दिन आपके लिए लेकर आया वो सुनहरा मौका जब शिव का नाम आपको तमाम शनिदोषों से निजात दिला सकता है. आपकी समस्त कष्टों का नाश कर सकता है. आखिर ग्रहों की वो शुभ चाल क्या है जिसने बना दिया है शनिवार को इतना खास.
30 साल बाद आया है ऐसा शुभ दिन, 30 साल बाद आया है इतना शुभ शनिवार, शिव का नाम पूरी कर देगा हर मुराद, शनि पर चढ़ने वाली तेल की हर बूंद से होगा चमत्कार. भोले के भक्तों के लिए शनिवार का दिन बेहद खास है शनि से पीड़ित जातकों के लिए तो ये दिन और अधिक महत्वपूर्ण बन गया है और इसकी वजह है वो संयोग जो कई सालों में एक बार बनता है. लेकिन जब कभी बनता है भक्तों की डूबी किस्मत को चमका देता है, बिगड़ी बना देता है.
27 तारीख यानी अश्विन शुक्लपक्ष की त्रयोदशी तिथि जो भगवान शिव की प्रिय तिथि है और इसी दिन शनि सूर्य की युति भी बन रही है. आम भाषा में कहे तो शिव सूर्य के देव हैं और सूर्य शनि के पिता जिसके कारण इस दिन शनि पूजन से नीच सूर्य के कुप्रभावों से छुटकारा मिलेगा वहीं अस्त शनि की भी शांति होगी.
सूर्य, शनि की युति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकि ये युति तुला राशि में बन रही है जो न्याय से जुड़ी राशि है जिसका सीधा मतलब है झूठे आरोपों, मुकदमों से छुटकारा मिलेगा और अन्याय के खिलाफ लड़ने की शक्ति मिलेगी. जीवन में एक नयी ऊर्जा का संचार होगा.
ज्योतिषियों का मानना है कि ग्रहों की ये शुभ स्थिति 1982 के बाद यानि 30 साल बाद बन रही है. शनिवार को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र भी है जो शनि का नक्षत्र है जो भक्तों को की गयी पूजा का पूर्ण फल दिलाने में मदद करेगा वहीं शनि प्रदोष व्रत में सूर्य शनि की युति आसुरी शक्तियों से निजात दिलाने में मददगार साबित होगी.
कुल मिलाकर शनिवार का दिन आपकी जिंदगी में बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, आपके जीवन को खुशियों से भर सकता है, अगर शनिवार के दिन आपने शनि के साथ भगवान शिव को प्रसन्न कर लिया तो आने वाले कई महीने बिना विघ्न के कट जाएंगे और जीवन की राह हो जाएगी हमेशा के लिए आसान.