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शिरडी मंदिर में वीआईपी आरती का शुल्क बढ़ा

शिरडी के साईंबाबा मंदिर में वीआईपी पास की इच्छा रखने वालों को चारों दैनिक आरतियों के वीआईपी पास के लिए अब ज्‍यादा भुगतान करना पड़ेगा. एक अधिकारी ने बताया, ‘श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) ने सोमवार से, सुबह 4.30 बजे होने वाली ककड़ आरती के लिए वीआईपी पास के लिए 500 रुपये शुल्क लेने का फैसला किया है.’

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शिरडी के साईंबाबा मंदिर में वीआईपी पास की इच्छा रखने वालों को चारों दैनिक आरतियों के वीआईपी पास के लिए अब ज्‍यादा भुगतान करना पड़ेगा. एक अधिकारी ने बताया, ‘श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट (एसएसएसटी) ने सोमवार से, सुबह 4.30 बजे होने वाली ककड़ आरती के लिए वीआईपी पास के लिए 500 रुपये शुल्क लेने का फैसला किया है.’

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इसी तरह दोपहर 12.00 बजे होने वाली मध्याह्न आरती, सूर्यास्त के समय होने वाली धूप आरती और रात 1.30 बजे होने वाली सेज आरती के लिए एक वीआईपी पास के लिए 300 रुपयों का भुगतान करना होगा. एसएसएसटी के पदाधिकारी अजय मोरे ने बताया कि सामान्य कतारों में लगने वालों के लिए आरती नि:शुल्क है.

ट्रस्ट ने 2010 में सिर्फ शनिवार और रविवार की आरतियों के पासों की राशि में बढ़ोत्तरी की थी, लेकिन सोमवार से बढ़ने वाला शुल्क सप्ताह के सातों दिनों के लिए लागू होगा. मोरे ने बताया कि आरतियों के वीआईपी पासों के अलावा शनिवार और रविवार के दिन प्रति व्यक्ति वीआईपी दर्शन का शुल्क 100 रुपये है, जिसमें कोई बदलाव नहीं होगा.

उन्होंने बताया कि साईं बाबा मंदिर परिसर के अंदर भगदड़ के जोखिम से बचने और भक्तों की भीड़ कम करने के लिए नए दैनिक आरती वीआईपी पास प्रयोगात्मक आधार पर लागू किए जा रहे हैं. ट्रस्ट प्रबंधन को उम्मीद है कि वीआईपी आरती पास लेने वालों की संख्या में कमी और इसके परिणामस्वरूप भीड़ कम होने से ज्यादा श्रद्धालुओं को चारों आरतियां देखने का मौका मिलेगा.

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पूज्य साईं बाबा ने 15 अक्टूबर, 1918 को समाधि ले ली थी. भारत के तीन सबसे धनी मंदिर ट्रस्टों में शामिल एसएसएसटी में प्रसाद और दान के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 50 लाख रुपयों की कमाई होती है. मंदिर में हर दिन लगभग 60,000 श्रद्धालु आते हैं और सप्ताहांत, त्योहारों और खास मौकों पर भीड़ दोगुनी हो जाती है.

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