हम हमेशा यह सोचते हैं कि क्या करें जिससे जिंदगी से मानसिक तनाव दूर हो जाए. कुछ तो ऐसा हो जाए जिससे हमारी जिंदगी तनाव रहित बीते. इसके लिए हम कई कोशिशें भी करते हैं जो कामयाब नहीं हो पातीं. इसके पीछे एक बड़ा कारण है तनाव के ग्रहों का हम पर पड़ने वाला असर.
दरअसल तनाव मन की एक अवस्था है. यह आहार, विचार, व्यवहार और संस्कार पर निर्भर करती है. ज्योतिष में तनाव का सीधा संबंध चन्द्रमा से होता है. चन्द्रमा की स्थितियों से अलग-अलग तरह के तनाव होते हैं. कभी तनाव वास्तविक होता है, तो कभी काल्पनिक. तनाव कई तरह से आपके जीवन पर असर डालता है.
तनाव से पड़ने वाले असर और उनको दूर करने के उपाय
जब चन्द्रमा आठवें भाव में हो तो सेहत संबंधी तनाव होता है, चंद्रमा अकेला हो तो भी सेहत संबंधी तनाव रहता है, हाथ में चन्द्र पर्वत पर दाग धब्बे होने से जीवन में तनाव रहता है. चन्द्र पर्वत पर दाग हो तो छोटी बीमारी भयानक लगने लगती है, या यूं कहें कि बीमारियों के वहम होने लगता हैं.
वैवाहिक जीवन में तनाव
कुंडली में चंद्रमा के साथ बृहस्पति कमजोर होता है. ऐसे में महिलाएं वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव में रहती हैं. चन्द्रमा के साथ शुक्र कमजोर हो तो पुरुष इस तनाव से घिरे रहते हैं. हस्तरेखा में शुक्र, चन्द्र के पर्वत पर जाली हो तो भी वैवाहिक जीवन को लेकर तनाव होता है. इस स्थिति में शक और वहम होता है, साथ ही जीवनसाथी बहुत ज्यादा उम्मीद करता है.
इसे दूर करने के लिए
- सोमवार को भगवान शिव को इत्र चढ़ाएं. इसके बाद शिवलिंग पर जलधारा चढ़ाएं.
- 'ऊं नमो भगवते सोमनाथाय' का जाप कम से कम 108 बार करें.
- शुक्रवार को खट्टी चीजें न खाएं.
संतान से तनाव
चन्द्रमा राहु या शनि से पीड़ित हो तो संतान संबंधी तनाव रहता है. हाथ में चन्द्र पर्वत पर या मणिबंध रेखा पर तारा हो तो संतान संबंधी तनाव होता है. ऐसी दशा में संतान की जिंदगी और स्थायित्व को लेकर परेशानी होती है. चंद्रमा का संबंध लग्न या बारहवें भाव से हो, तो संतान के विवाह संबंधी तनाव होता है.
इसे दूर करने के लिए
- सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत चढ़ाएं. इसके बाद जल चढ़ाकर शिव चालीसा का पाठ करें, फिर संतान संबंधी समस्या खत्म करने की प्रार्थना करें.