scorecardresearch
 

महाकुंभ में बिछुड़ों को मिलाने के खास इंतजाम

उत्तर प्रदेश में सोमवार को शुरू हुए आस्था के पर्व महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 29 घाट बनाए गए हैं और पूरे कुम्भ क्षेत्र को 14 सेक्टरों में बांटा गया है. इसके अलावा देशी एवं विदेशी श्रद्धालुओं के लिए भूले-भटके शिविरों की स्थापना भी की गई है जहां वे मेले में बिछुड़े अपने परिजनों का पता लगा सकेंगे.

Advertisement
X

Advertisement

उत्तर प्रदेश में सोमवार को शुरू हुए आस्था के पर्व महाकुम्भ में श्रद्धालुओं के स्नान के लिए 29 घाट बनाए गए हैं और पूरे कुम्भ क्षेत्र को 14 सेक्टरों में बांटा गया है. इसके अलावा देशी एवं विदेशी श्रद्धालुओं के लिए भूले-भटके शिविरों की स्थापना भी की गई है जहां वे मेले में बिछुड़े अपने परिजनों का पता लगा सकेंगे.

कुम्भनगरी के सेक्टर तीन में स्नान के लिए 100 बीघा जमीन सुरक्षित की गई है. व्यवस्था के लिए कुम्भ नगरी को 14 सेक्टरों में बांटा गया है. सेक्टर एक, दो, पांच को छोड़कर अन्य सेक्टरों में कुल मिलाकर 29 घाटों का निर्माण किया गया है.

कुम्भनगरी में बने 29 घाटों की कुल लम्बाई तीन किलोमीटर है और सभी घाटों के आसपास श्रद्धालुओं की काफी भीड़ लगी हुई है. इसके साथ लोगों की सुविधा के लिए हर सेक्टर में शिकायत कक्ष भी बनाया गया है, जहां लोग अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे. एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है, जहां से समूचे कुम्भ की हलचल पर नजर रखी जा रही है.

Advertisement

कुम्भ के इस मेले में अपनों से बिछुड़ने वालों के लिए भी खासतौर पर इंतजाम किया गया है. ऐसे लोगों के लिए अलग-अलग जगहों पर पांच भूले-भटके शिविरों की स्थापना की गई है.

भूले-भटके शिविर में तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यह शिविर विशेष रूप से उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो इस मेले में खो जाते हैं. प्रशासन की तरफ से यह सुविधा प्रदान की गई है कि जो लोग इस मेले में खो जाएं वे इन शिविरों में जाकर रह सकते हैं और फिर यहां से उनके परिचितों तक पहुंचाने का बंदोबस्त किया जाएगा. पहले ही दिन इन भूले-भटके शिविरों में लोगों का आना भी शुरू हो गया है.

Advertisement
Advertisement