अब आ गया है धन, संपत्ति, सुख समृद्धि, ऐश्वर्य पाने का मौका. ये अवसर है भगवान विष्णु संग महादेव का आशीर्वाद पाने का. ये है सबसे पवित्र महीने का सबसे पावन दिन जब गंगा में स्नान और दान करके आप पा सकते हैं सुख-समृद्धि का वरदान.
हिंदू परंपरा में कार्तिक महीने को सबसे पावन महीना माना गया है और इस महीने की पूर्णिमा को यानी कार्तिक पूर्णिमा को अक्षय फल देने वाला कहा गया है.
कार्तिक पूर्णिमा की सुबह रविवार को भरणी नक्षत्र में हो रही है. शास्त्रों में कहा गया है कि भरणी नक्षत्र में गंगा स्नान व पूजन करने से हर तरह के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही इस दिन 7 तरह के अतिशुभ योग का निर्माण हो रहा है ये योग हैं कालदंड योग, मकरध्वज, जलज, वृतस्य योग, मुनि योग, हरिद्रा, और महामृत्युजंय योग.
इन योगों के बनने के कारण जो जातक कालसर्प दोष, पितृदोष मंगलदोष से पीड़ित हैं इनके लिए सुनहरा मौका लेकर आई है ये पूर्णिमा. यूं तो साल में लगभग 16 अमावस्या पड़ती है लेकिन वर्ष की सबसे काली और लंबी अमावस्या की रात्रि कार्तिक मास की अमावस्या यानि दीवाली को माना गया है और उसके ठीक 15 दिन बाद कार्तिक मास की पूर्णिमा पड़ती है जो अधंकार का नाश करती है. कहते हैं इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक असुर का वध किया था और त्रिपुरारी कहलाए थे. ठीक उसी तरह मनुष्य अपने अंदर काम, क्रोध, लोभ रूपी आसुरी प्रवृत्तियों का नाश कर ज्ञान रूपी प्रकाश को प्राप्त करता है.
कार्तिक पूर्णिमा को महाकार्तिकी पूर्णिमा भी कहा जाता है, इसी दिन भगवान विष्णु ने वेदों की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था.
कहते हैं महाभारत के 18 दिन लंबे युद्ध में मारे गए संबंधियों और योद्धाओं की आत्मा की शांति के लिए भगवान श्री कृष्ण के कहने पर युधिष्ठिर ने कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से चतुर्दशी तक यज्ञ किया और पूर्णिमा के ही दिन स्नान कर पूर्णाहुति दी थी और तभी से ये मान्यता चली आ रही है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पितृदोषों से मुक्ति मिलती है.
सभी सुखों व ऐश्वर्य को प्रदान करने वाली कार्तिक पूर्णिमा को की गई पूजा और व्रत सीधे ईश्वर को प्राप्त होता है. इस दिन विधि-विधान से की गई भगवान सत्यनारायण की पूजा से प्रतिष्ठा की प्राप्ति होता है वहीं शिव जी का अभिषेक करने से उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु मिलती है. दीपदान करने से भय से मुक्ति और सूर्यदेव की आराधना से जातक की लोकप्रियता उसका मान-सम्मान बढ़ता है. कुल मिलाकर कहें तो इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर अगर कुछ खास वस्तुओं संग कर दिया दीप दान तो उसे मिल जाएगा सुख-समृद्धि का वरदान, सफलता चूमेगी उसके कदम. तो क्या है पूजा का सही विधि-विधान जानने के लिए बने रहिए हमारे साथ.