नवरात्र के पावन दिनों की शुरुआत हो चुकी है. इन पावन नौ दिनों में हर तरफ मां का जयकारा सुनाई देता है, मां भक्तों के द्वार पर दस्तक देकर खुशियों से भर देती है अपने भक्तों की झोली. उसपर अगर शुभ ग्रहों संयोग के बीच हो जाए नवरात्र की शुरुआत तो भक्तों की किस्मत बदलते देर नहीं लगती.
मां ने दे दी है भक्तों के द्वार पर दस्तक, खोल दिया है अपना दरबार और दे रही हैं खुशियों का वरदान. शक्ति की उपासना के सबसे बड़े पर्व नवरात्रि में मां करेंगी भक्तों का बेड़ापार. नवरात्रों में जिसने शक्ति के नौ रूपों की श्रद्धा से आराधना कर ली, देवी उसे हर मुश्किल से उबार लेंगी, निकाल लाएंगी संकटों के भंवर से.
मां भगवती की पूजा के ये वो नौ दिन हैं जब समस्त मनोकामनाएं हो सकती हैं पूरी. इस बार तो नवरात्रि के पहले ही दिन की शुरुआत ही अतिशुभ संयोग के साथ हुई है. शनिवार से शुरू हुए नवरात्र में जहां एक तरफ उच्च का शनि है, वहीं सूर्य और चंद्रमा दोनों ही कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में हैं. शनिवार दोपहर 3 बजकर 48 मिनट के बाद देवी से जुड़ा ग्रह मंगल सिंह राशि और मघा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएगा और शनि की दृष्टि से दूर हो जाएगा, जिसके कारण भक्तों को भगवती के चिंतापूर्णी, छिन्नमस्तिका, मां कामाख्या और श्यामा काली रूपों की विशेष कृपा प्राप्त होगी.
एक और महासंयोग बन रहा है, जो इस बार नवरात्र को बना रहा है बेहद खास. वो ये कि नवरात्र के दिन शुक्र जो वृश्चिक राशि में मौजूद है वो अनुराधा नक्षत्र में प्रवेश कर गया है जिसके कारण कृष्ण संग मां काली के उपासकों के लिए ग्रहों की ये स्थिति वरदान साबित होगी. तुला राशि में उच्च का शनि और मंगल के राशि परिवर्तन के कारण शनि और मंगल से जुड़े दोष जैसे ढैय्या, साढ़ेसाती, मांगलिक दोषों से परेशान और पिछले डेढ़ महीनों से परेशानियों से जूझ रहे जातरों को राहत की सांस मिलेगी और इस मौके पर सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद जरूर पूरी होती है.
वैसे तो मां हमेशा अपने भक्तों कृपा बरसाती हैं और नवरात्रों में तो देवी दिल खोलकर देती हैं अपना आशीर्वाद लेकिन अगर ऐसे खास संयोग पर मां के कुछ खास मंत्रों का जाप कर लिया जाए तो घर में निश्चित रूप से समृद्धि का वास होता है. जिन्हें धन-दौलत चाहिए उनके घर लक्ष्मी स्थायी वास करने लगेंगी और जिन्हें चाहिए नौकरी में बरकत उसकी कामना पूरी होते देर नहीं लगेगी. व्यापार में आने वाली अड़चने दूर हो जाएंगी और कारोबार नई ऊंचाईयों को छूने लगेगा.
पंडितों का कहना है कि अगर कि अगर इन 9 दिनों में विधि-विधान से कलश स्थापना कर मां की पूजा-अर्चना कर ली जाए तो घर में निश्चित रूप से समृद्धि का वास हो जाता है.