उज्जैन में तीन-तीन गणपति के एक साथ दर्शन, जी हां गणपति के ये तीन रूप एक साथ विराजते हैं एक छत के नीचे और अगर एक बार भी अगर भक्तों को इनके दर्शनों का सौभाग्य मिल गया भक्तों की समस्त इच्छाएं पूरी होने की गारंटी है.
उज्जैन के चिंतामणी गणेश को प्रसन्न करना बेहद आसान है. मोतीचूर के लड्डू से अगर आपने भगवान की आराधना कर ली तो बन जाते हैं सभी बिगड़े काम और अगर आपने मंदिर की दीवार पर बना दिया उल्टा स्वास्तिक तो फिर कोई भी मनोकामना अधूरी नहीं रहती. कहते हैं त्रेतायुग में यहां भगवान राम संग माता सीता गणपति का आशीर्वाद लेने जोड़े में आए थे.
वहीं मंदसौर के गणपति सेठ रूप में देते हैं भक्तों को दर्शन. बप्पा का ये रूप बेहद निराला है. माथे पर पगड़ी और हाथों से बरसता धन. कहते हैं सेठ गणपति के इस रूप के दर्शन मात्र से ही आपको तमाम तरह के कर्ज से छुटकारा मिल जाता है और कारोबार में मिलती है सफलता.