भारत के पर्यटन स्थलों और धार्मिक आस्था के केंद्रों में से एक अयोध्या दुनिया के आकर्षक पर्यटन स्थलों में गिना जाता है. यही कारण है कि साल दर साल अयोध्या में पर्यटकों की संख्या में दो से पांच प्रतिशत का इजाफा हो रहा है. यही नहीं देश के अलग-अलग हिस्सों से भी करीब सवा करोड़ लोग यहां आते हैं.
वहीं दूसरी तरफ वेबसाइट 'ट्रिप एडवाइजर इंडिया' ने यहां आने वाले पर्यटकों के मन में इस जगह को लेकर डर पैदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अंग्रेजी भाषा की वेबसाइट पर अयोध्या को 'नॉट गुड प्लेस टू विजिट फॉर इंडिया' करार दिया गया है. और यह बात दुनिया भर के लोगों को दी जा रही है.19 फरवरी 2014 को रिवाइज्ड इस वेबसाइट में बताया है कि अगर आप टूरिस्ट हैं और धार्मिक आस्था वाले नहीं हैं, तो कृपया अयोध्या को मत देखें. 1992 में यहां विवादित ढांचा ढहाए जाने के बाद से अयोध्या को पूरी तरह से कड़ी सुरक्षा में रखा गया है. जहां 10 -10 फीट की दूरी पर चेकपोस्ट हैं.
अयोध्या में रामजन्मभूमि के अलावा आकर्षण के तौर पर मणिरामदास की छावनी, कनक भवन और सीता रसोई है. यहां मौजूद मिलिट्री मंदिर, गुलाबबाड़ी, गुप्तारघाट, चक्रहरि जी विष्णु मंदिर, दशरथ भवन, फोर्ट कलकत्ता, तुलसी उद्यान, राम की पैड़ी, मोती महल और फैजाबाद संग्रहालय भी काफी मशहूर हैं. गौरतलब है कि विवादित रामजन्मभूमि मंदिर से सटी सीता रसोई 1992 में बाबरी ढांचा ढहाने के दौरान ही ध्वस्त होकर गुम हो चुकी है. वहीं फैजाबाद म्यूजियम की जगह वरिष्ठ पुलिस अक्षीक्षक का कार्यालय बन चुका है.
इसके अलावा एक और वेबसाइट 'हाली डे आइक्यू' में अयोध्या के दर्शनीय स्थलों में 22 धार्मिक और पुरातात्विक महत्व के स्थलों की सूची दी गई है.जिसमें मोतीमहल को पहली रैंकिंग, सीता रसोई सातवीं रैकिंग और फैजाबाद म्यूजियम 19वीं रैंकिंग दी गई है.
इस बारे में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बृजराज सिंह कहते हैं कि 'अयोध्या पर्यटन के नक्शे पर है और अधिकृत सूचनाएं इंटरनेट पर उपलब्ध हैं'. उन्होंने कहा कि 'वेबसाइट की गलत सूचनाओं का पर्यटकों पर कोई असर नहीं होता. अयोध्या के बारे में सही जानकारी यूपी टूरिज्म की वेबसाइट से ली जा सकती है'.