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तुलसीदास जयंती: रामचरितमानस के इन 7 दोहों से करें हर मुश्किल दूर

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो रामचरित मानस के दोहे और पंक्तियों का पाठ करने से वैदिक मंत्रों जैसा प्रभाव होता है. इंसान जिंदगी की ऐसी कोई कामना नहीं जो रामचरितमानस के पाठ से पूरी ना हो सके.

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भगवान राम की भक्ति में डूबकर तुलसीदास ने की थी रामचरितमानस की रचना
भगवान राम की भक्ति में डूबकर तुलसीदास ने की थी रामचरितमानस की रचना

तुलसीदास जी भगवान राम के भक्त थे. तुलसीदास रामचरितमानस जैसे महाकाव्य की रचना की है, जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम राम की भव्य जीवन गाथा का वर्णन है. रामचरितमानस की कुछ पंक्तियां आपकी मनचाही मनोकामना को पूर्ण कर सकती हैं. तुलसीदास ने भगवान राम की भक्ति में डूबकर रामचरितमानस की रचना की थी. इसीलिए इसकी एक-एक पंक्ति, एक-एक दोहे से राम कृपा का रस बहता है. तुलसीदास जयंती सोमवार, 27 जुलाई यानी आज है.

ज्योतिष के जानकारों की मानें तो रामचरित मानस के दोहे और पंक्तियों का पाठ करने से वैदिक मंत्रों जैसा प्रभाव होता है. इंसान जिंदगी की ऐसी कोई कामना नहीं जो रामचरितमानस के पाठ से पूरी ना हो सके. आइए जानते हैं रामचरितमानस के दोहे और चौपाइयां इतनी महत्वपूर्ण क्यों हैं?

ऐसा कहते हैं कि जिसने एक बार राम नाम का स्वाद चख लिया, उसे संसार की कोई दूसरी चीज नहीं भाती. जिसे राम नाम का सहारा मिल गया, उसे फिर संसार की कोई भी चीज परेशान नहीं कर पाती. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो रामचरितमानस की अलग-अलग पंक्तियों से जीवन की बड़ी समस्याओं का निवारण होता है.

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1. रोजगार पाने के लिए

बिस्व भरण पोषण कर जोई, ताकर नाम भरत अस होई।

2. विपत्ति निवारण के लिए

जपहि नामु जन आरत भारी, मिटाई कुसंकट होई सुखारी।

3. विद्या प्राप्ति के लिए

गुरु गृह पढ़न गए रघुराई, अलप काल विद्या सबआई।

4. विवाह और योग्य वर के लिए

सुनु सिय सत्य असीस हमारी, पूजहि मनकामना तुम्हारी।

5. रोग नाश के लिए

दैहिक, दैविक, भौतिक तापा, राम राज नहीं काहूंहि व्यापा।

6. संकटों से मुक्ति के लिए

दीन दयाल विरदु सम्भारी, हरहु नाथ मम संकट भारी।

7. ईश्वर की कृपा पाने के लिए

कामिहि नारी पियारी जिमी, लोभी प्रिय जिमि दाम।

तेहि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम।

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