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जानिए, क्या है नवरात्रि के पहले दिन का महत्व और कैसे करें पूजा?

दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरुप के पास ही है, इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है. नवरात्रि के प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरुप की उपासना की जाती है.

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मां दुर्गा का चित्र
मां दुर्गा का चित्र

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नवरात्रि वर्ष में चार बार पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. नवरात्रि से वातावरण में तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है.

दुनिया में सारी शक्ति, नारी या स्त्री स्वरूप के पास ही है, इसलिए इसमें देवी की उपासना ही की जाती है. नवरात्रि के प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरुप की उपासना की जाती है. इनकी उपासना से देवी की कृपा तो मिलती ही है साथ में सूर्य भी काफी मजबूत होता होता है. सूर्य सम्बन्धी जैसी भी समस्या हो आज के दिन दूर की जा सकती है

अगर सूर्य कमजोर है या सूर्य से समस्या है तो इसके लक्षण क्या हैं?

- व्यक्ति को हड्डियों और हृदय के रोग होने की आशंका होती है.

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- राज्य से दंड या कारावास की स्थिति बन जाती है.

- पिता पुत्र में सम्बन्ध कभी अच्छे नहीं होते.

- ऐसी स्थिति में व्यक्ति को नाम यश नहीं मिलता, अक्सर अपयश का शिकार होता है.

इन धार्मिक मान्यताओं के पीछे छिपे हैं वैज्ञानिक कारण

नवरात्रि के पहले दिन क्या करें उपाय कि सूर्य मजबूत हो जाए?

- दोपहर के समय लाल वस्त्र धारण करें.

- देवी को लाल फूल और लाल फल अर्पित करें.

- देवी को ताम्बे का सिक्का भी अर्पित करें.

बहुत फलदायी है इस बार की नवरात्रि

- इसके बाद पहले देवी के मंत्र "ॐ दुं दुर्गाय नमः "का जाप करें.

- फिर सूर्य के मंत्र "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः" का कम से कम तीन माला जाप करें.

- तांबे का छल्ला, अनामिका अंगुली में धारण करें.

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