गणपति बप्पा का एक रूप ऐसा भी है जो बप्पा के जन्म की कहानी कहता है. गजानन का यह रूप उनके पराक्रम की कहानी भी कहता है. पुणे की पहाड़ियों में रची-बसी है गणपति और मां पार्वती की कहानी. कहते हैं लेण्याद्री में मां पार्वती के मैल से गणपति का जन्म हुआ था.
गणपति सबकी मुश्किलें पलभर में ही हर लेते हैं, भूलों को राह दिखाते हैं लेकिन एक दिन उन्हीं गणपति से एक भूल हो गई. देवताओं की मदद करने के लिए एक बार बप्पा विघ्नासुर नाम के राक्षस को धरती पर ले आए, लेकिन उसके बाद वो राक्षस ही गणपति की मुश्किल की भारी वजह बन गया.
विनायक का एक रूप ऐसा भी है जिसके आगे उनके पिता साक्षात शिव को भी झुकना पड़ा था. एक बार पिता को अपने पुत्र की शक्ति का सहारा लेना पड़ा था. राजंणगांव के गणपति की कहानी कुछ ऐसी ही है. यहां एक राक्षस का वध करने में जब सभी देवता असफल हो गए तब शिव ने गणपति की आराधना कर उनसे त्रिपुरासुर का वध करने की शक्ति प्राप्त की थी.
शिव ही क्यों, सृष्टि के पालनहार विष्णु को भी एक बार बप्पा के सामने हार माननी पड़ी थी. मुश्किल में घिरे विष्णु को जब कोई राह नहीं सूझी तो उन्होंने बप्पा से मदद मांगी और विघ्नहर्ता ने झट से उनकी समस्या का समाधान कर दिया.