scorecardresearch
 

भगवान शिव की आरती से दूर होगा हर अमंगल

भगवान शिव को जीवन का संचालक और संहारक माना गया है और कहा जाता है कि इन्‍हें प्रसन्‍न करना बहुत ही आसान है. अगर भक्‍त सच्‍चे मन से इनका नाम भी पुकार ले तो भोले भंडारी उसकी हर मनोकामना पूरी कर देते हैं...

Advertisement
X

Advertisement

भगवान शिव को कोई रुद्र तो कोई भोलेनाथ के नाम से पुकारता है. भगवान शिव की पूजा में विशेष नियम नहीं होते और इनकी पूजा विधि के मंत्र भी बेहद आसान होते हैं. भगवान शिव की आराधना करते समय उनकी आरती का गान करने से पूजा संपन्‍न मानी जाती है.

शिवजी का मंत्र
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारं| सदा वसन्तं ह्रदयाविन्दे भंव भवानी सहितं नमामि॥
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा| ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥

शिव आरती इस प्रकार है
ॐ जय शिव ओंकारा....
एकानन चतुरानन पंचांनन राजे|
हंसासंन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥

ॐ जय शिव ओंकारा...
दो भुज चारु चतुर्भज दस भुज अति सोहें|
तीनों रुप निरखता त्रिभुवन जन मोहें॥

जय शिव ओंकारा...
अक्षमाला, बनमाला, रुण्ड़मालाधारी|
चंदन, मृदमग सोहें, भाले शशिधारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा....
श्वेताम्बर,पीताम्बर, बाघाम्बर अंगें|
सनकादिक, ब्रम्हादिक, भूतादिक संगें||

Advertisement

ॐ जय शिव ओंकारा...
कर के मध्य कमड़ंल चक्र, त्रिशूल धरता|
जगकर्ता, जगभर्ता, जगसंहारकर्ता॥

ॐ जय शिव ओंकारा...
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका|
प्रवणाक्षर मध्यें ये तीनों एका॥

ॐ जय शिव ओंकारा...
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रम्हचारी|
नित उठी भोग लगावत महिमा अति भारी॥

ॐ जय शिव ओंकारा...
त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावें|
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावें॥

ॐ जय शिव ओंकारा...
जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रम्हा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा.

Advertisement
Advertisement