बिहार और झारखंड का सबसे बड़ा पर्व छठ पूरे देश में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक चलने वाला चार दिन का ये पर्व आज से खाए नहाय के दिन से शुरू हो गया है.
छठ व्रत की मुख्य तिथियां
04 नवंबर 2016: खाए नहाय
05 नवंबर 2016: खरना
06 नवंबर 2016: शाम का अर्घ्य
07 नवंबर 2016: सुबह का अर्घ्य, सूर्य छठ व्रत का समापन
छठ के चार दिन ऐसे की जाती है पूजा व्रत
1. खाए नहाय
छठ पूजा व्रत चार दिन तक किया जाता है. इसके पहले दिन नहाने खाने की विधि होती है, जिसमें व्यक्ति को घर की सफाई कर पूरी तरह से स्वच्छ होकर शुद्ध शाकाहारी भोजन करता है.
2. खरना
इसके दूसरे दिन खरना की विधि की जाती है. खरना में पूरे दिन का उपवास होता है और शाम के समय गन्ने का रस या गुड़ में बने हुए चावल की खीर का प्रसाद बनता है.
3. शाम का अर्घ्य
तीसरे दिन सूर्य षष्ठी को पूरे दिन उपवास रखकर शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन रात के समय छठी माता के गीत गाने और व्रत कथा सुनने की मान्यता है.
4. सुबह का अर्घ्य
चौथे दिन सुबह के समय सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंचना होता है और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इसके बाद घाट पर छठ माता को प्रणाम कर उनसे संतान-रक्षा का वरदान मांगना जाता है. अर्घ्य देने के बाद घर लौटकर सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत खोलते हैं.