Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में दिव्य स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं. इस दिन दान-पुण्य करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं तथा विभिन्न ग्रहों के नकारात्मक प्रभावों से भी राहत मिलती है. पितरों के तर्पण या शांति के लिए भी इस दिन को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. साथ ही गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की आरती भी हर किसी के जीवन को सुख और समृद्धि से भर देती है.
गंगा माता की आरती
जय गंगा मैया मां जय सुरसरी मैया।
भव वारिधि उद्धारिणी अतिहि सुदृढ़ नैया।।
हरि पद पद्म प्रसूता विमल वारिधारा।
ब्रह्मद्रव भागीरथि शुचि पुण्यागारा।।
शंकर जटा बिहारिणि हारिणी त्रय तापा।
सगर पुत्र गण तारिणि, हरिणी सकल पापा।।
'गंगा-गंगा' जो जन उच्चारत मुखसों।
दूर देश में स्थित भी तुरत तरत सुखसों।।
मृत की अस्थि तनिक तुव जल धारा पावै।
सो जन पावन होकर परम धाम जावै।।
तव-तटबासी तरुवर जल थल चरप्राणी।
पक्षी-पशु पतंग गति पावैं निर्वाणी।।
मातु! दयामयि कीजै दीनन पर दाया।
प्रभु पद पद्म मिलाकर हरि लीजै माया।।