बनारस के घाट पर गंगा आरती का दृश्य हर किसी को भक्तिमय करने के लिए काफी होता है, सिर्फ बनारस ही क्यों मां गंगा के हर किनारे पर होने वाली मां की आरती हर किसी के जीवन को सुख और समृद्धि से भर देती है.
मां गंगा की आरती
जय गंगा मैया मां जय सुरसरी मैया।
भव वारिधि उद्धारिणी अतिहि सुदृढ़ नैया।।
हरि पद पद्म प्रसूता विमल वारिधारा।
ब्रह्मद्रव भागीरथि शुचि पुण्यागारा।।
शंकर जटा बिहारिणि हारिणी त्रय तापा।
सगर पुत्र गण तारिणि, हरिणी सकल पापा।।
'गंगा-गंगा' जो जन उच्चारत मुखसों।
दूर देश में स्थित भी तुरत तरत सुखसों।।
मृत की अस्थि तनिक तुव जल धारा पावै।
सो जन पावन होकर परम धाम जावै।।
तव-तटबासी तरुवर जल थल चरप्राणी।
पक्षी-पशु पतंग गति पावैं निर्वाणी।।
मातु! दयामयि कीजै दीनन पर दाया।
प्रभु पद पद्म मिलाकर हरि लीजै माया।।