Guru Pradosh Vrat 2025: देवों के देव महादेव की महिमा अपरंपार है. जो भी भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है, उसकी हर मनोकामना जरूर पूरी होती है. प्रदोष व्रत महादेव के सबसे मंगलकारी दिनों में से एक है. कहते हैं प्रदोष के दिन शिव उपासना से हर संकट और बाधा को दूर किया जा सकता है. प्रदोष व्रत का दिन शिव पूजन के लिए सबसे उत्तम है. आइए आज आपको प्रदोष व्रत के दिन किए जाने वाले कुछ दिव्य उपाय बताते हैं.
गुरु प्रदोष व्रत की तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 26 मार्च को देर रात 1 बजकर 42 मिनट पर हो जाएगी. वहीं इस तिथि का समापन 27 मार्च को रात 11 बजकर 3 मिनट पर होगा. ऐसे में प्रदोष व्रत गुरुवार, 27 मार्च को रखा जाएगा. जब यह तिथि गुरुवार को पड़ती है, तो इसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है.
महाउपाय
संतान संबंधी बाधा से मुक्ति- गुरु प्रदोष व्रत के दिन एक पीतल के लोटे में हल्दी गुड़ और चने की दाल डालें. केले के पेड़ की जड़ में यह अर्पण करें और गाय के घी का दिया जलाएंय. बृहस्पति स्तोत्र का तीन बार पाठ करें. घर वापस आते समय केले के पेड़ की जड़ से मिट्टी लें और अपने बच्चों के माथे पर तिलक करें
सौभाग्य का वरदान- अपने स्नान के जल में सात चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें. अपने घर की उत्तर पूर्व दिशा में मिट्टी के बर्तन में जल भरकर रखें. समय-समय पर इसे बदलते रहें. पीले आसन पर बैठकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके हल्दी की माला से बृहस्पति के मंत्रों का जाप करें. जरूरतमंद लोगों को पीला कपड़ा, पीली मिठाई, चने की दाल हल्दी गुड़ आदि का दान करें.
शत्रु बाधा से मुक्ति- प्रदोष काल में भगवान शिव की उपासना करें. शिव जी को पीले फूल अर्पित करें. "ॐ नमो भगवते रुद्राय" मंत्र का 11 माला जप करें. शत्रु और विरोधियों के शांत हो जाने की प्रार्थना करें.
गुरु प्रदोष पर क्या दान करें- इस दिन किसी भी जरूरतमंद कन्या के विवाह के लिए कुछ भोजन सामग्री दान करें. जरूरतमंद लोगों को पीले फल, पीला कपड़ा, चने की दाल, हल्दी गुड़ तथा अन्य भोज्य सामग्री दान करें.