चैत्र नवरात्र आरंभ हो चुके हैं. ये समय आदिशक्ति मां भवानी की पूजा-अर्चना करने का है. इस समय मां के भक्त विभिन्न तरीकों से मां की अर्चना करते हैं. हमारे पुराणों में भी इस समय का विशेष महत्व बताया गया है.
आप भी जानिए आखिर क्यों मां को ये समय पसंद है और चैत्र नवरात्र का क्या है ज्योतिषीय महत्व...
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- चैत्र नवरात्र से ही नववर्ष के पंचांग की गणना की जाती है.
- ऐसा कहा जाता है कि चैत्र नवरात्र के पहले मां आद्यशक्ति अवतरित हुर्इ थीं. ब्रह्म पुराण के अनुसार, देवी ने ब्रह्माजी को सृष्टि निर्माण करने के लिए कहा.
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- चैत्र नवरात्र के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप में अवतार लिया था. श्रीराम का जन्म भी चैत्र नवरात्र में ही हुआ था.
- ज्योतिष की दृष्टि से भी चैत्र नवरात्र का विशेष महत्व है क्योंकि इसके दौरान सूर्य का राशि परिवत्रन होता है.
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- कहा जाता है कि नवरात्र में देवी और नवग्रहों की पूजा से पूरे साल ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहती है और जीवन खुशहाल रहता है.
- पंडित ये भी कहते हैं कि चैत्र नवरात्र के दिनों में माता स्वयं पृथ्वी पर रहती हैं, इसलिए इनकी पूजा से इच्छित फल की प्राप्ति होती है.