Janmashtami 2024 Shubh Muhurt: आज देशभर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का महापर्व मनाया जा रहा है. यह भगवान कृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है. जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के भक्त पूरे दिन उपवास रखते हैं और भगवान के बाल स्वरूप या लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इसलिए जन्मष्टमी की मध्य रात्रि पर बाल गोपाल को पंचामृत से स्नान कराने की भी परंपरा है. आइए आज आपको जन्माष्टमी की रात बाल गोपाल का जन्म और पंचामृत स्नान कराने की पूरी विधि स्टेप बाय स्टेप बताते हैं.
खीरे से कराएं बाल गोपाल का जन्म
जन्म के समय जिस तरह बच्चे को गर्भनाल काटकर गर्भाशय से अलग किया जाता है. ठीक उसी प्रकार जन्मोत्सव के समय खीरे का डंठल काटकर कान्हा का जन्म कराने की परंपरा है. जन्माष्टमी पर खीरा काटने का मतलब बाल गोपाल को मां देवकी के गर्भ से अलग करना है. खीरे से डंठल को काटने की प्रक्रिया को नाल छेदन कहा जाता है.
भादो कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. जन्माष्टमी की रात डंठल और हल्की सी पत्तियों वाले खीरे को कान्हा की पूजा में उपयोग करें. रात के 12 बजते ही खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं. इसके बाद शंख बजाकर बाल गोपाल के आने की खुशियां मनाएं और फिर विधिवत बांके बिहारी की पूजा करें.
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को स्नान कराने की विधि
स्टेप-1: बाल गोपाल का पंचामृत स्नान शुभ मुहूर्त में किया जाता है. सबसे पहले लड्डू गोपाल को पालने में लिटाकर उनकी मालिश करें. मालिश करने के बाद साधारण या निवाय पानी से उन्हें साफ करें.
स्टेप-2: इसके बाद लड्डू गोपाल को चंदन के पाडर से साफ करें. आप दुकान से चंदन का पाउडर खरीद सकते हैं. या चंदन की लकड़ी को घिसकर इसे घर में भी बना सकते हैं. इस पाउडर से एक लेप तैयार करें और उसे लड्डू गोपाल को लगाएं.
स्टेप-3: फिर दो साफ बर्तन लें. एक बर्तन में लड्डू गोपाल को बैठाएं और दूसरे बर्तन में स्नान के लिए पानी रख लें. इस पानी में गंगाजल, तुलसी दल जरूर डालें. अब इस पानी से बाल गोपाल को स्नान कराना शुरू करें. लड्डू गोपाल को स्नान कराते समय भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करते रहें.
स्टेप-4: इसके बाद कच्चे दूध से लड्डू गोपाल को नहलाएं. फिर दही और शहद से भगवान की प्रतिमा को स्नान कराएं. इसके बाद भगवान को शर्करा और फिर गंगाजल से स्नान कराएं. इसे ही पंचामृत स्नान कहा जाता है.
स्टेप-5: लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उन्हें गुलाब के फूल अर्पित करें. फिर उन्हें सुंदर सी पोशाक पहनाएं. सिर पर मोरपंख वाली पगड़ी पहनाएं. हाथ में लकड़ी की नई बांसुरी देना न भूलें.
बाल गोपाल के स्नान में न करें ये गलतियां
बाल गोपाल के स्नान में अक्सर लोगों से जाने-अनजाने में बड़ी भूल हो जाती हैं. आप ये गलतियां बिल्कुल न करें. लड्डू गोपाल के नहाने के लिए नए बर्तन का इस्तेमाल करें. इस बर्तन का इस्तेमाल केवल तब ही करें, जब आप लड्डू गोपाल को नहला रहे हों. दैनिक जीवन में प्रयोग किए जाने वाले बर्तनों का प्रयोग बिल्कुल न करें.
लड्डू गोपाल को नहलाने के लिए शंख का इस्तेमाल करें. शंख में पानी भरकर उसकी धारा से भगवान को स्नान कराएं. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में शंख का बहुत महत्व है. शंख को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है. लड्डू गोपाल को स्नान कराते वक्त भगवान की प्रतिमा को जमीन पर न रखें.
लड्डू गोपाल के स्नान वाले पानी को नाली में न बहाएं. श्रीकृष्ण के भक्त इसे स्वयं ग्रहण कर सकते हैं. या फिर इसे घर में भी छिड़क सकते हैं. इससे आपके घर की सुख-संपन्नता हमेशा बनी रहेगी. आप चाहें तो इस पानी को तुलसी के गमले में भी डाल सकते हैं.
बाल गोपाल के स्नान का क्या है मुहूर्त?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्यरात्रि 12.00 बजे से लेकर 12.44 बजे तक रहेगा. यानी पूजा के लिए आपको सिर्फ 44 मिनट का समय मिलने वाला है. इसी अवधि में बाल गोपाल को स्नान कराना उत्तम रहेगा.