दिवाली पर महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. महालक्ष्मी की पूजा में कोई भी चूक न हो जाए इसलिए इसके दिन पूजा की सारी तैयारी करने से जरूर रखें इन बातों का ध्यान.
जानें किन बातों का रखते हुए करें पूजा...
1. पूजा के दिन सबसे पहले एक बड़ी और साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछा कर उसके ऊपर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां स्थापित रख दें. ध्यान रहे कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे. लक्ष्मीजी को गणेशजी के दाहिनी ओर विराजमान करें.
2. पूजन करने वाले सभी लोग मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें.
3. अब एक कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें. कलश के ऊपर एक नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेट कर रखें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे.
3. यह कलश वरुण का प्रतीक होता है. कलश के पास दो बड़े दीपक रखें जिसमें एक घी का और दूसरा तेल का दीपक हो. एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें और दूसरा मूर्तियों के चरणों में. एक दीपक गणेश जी के पास रखें.4. मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं. कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह के प्रतीक बनाएं.
5. गणेशजी की ओर चावल की सोलह प्रतीक बनाएं जिन्हें मातृका का प्रतीक माना जाता हैं. नवग्रह और षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं.
6. अब इसके बीच में सुपारी रखें. छोटी चौकी के सामने तीन थाली और जल भरकर कलश रखें.
7. थालियों में पूजा की इन जरूरी चीजों को रखें
- ग्यारह दीपक
- खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान
- फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक.
8. अब पूरे विधि-विधान से महालक्ष्मी और गणेश कर पूजन करें .
9. पूजा के बादपूरे घर में कपूर की धूप दिखाएं और गंगाजल छिड़कें.