नवरात्रि के दूसरे दिन माँ के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की उपासना की जाती है. इनको ज्ञान , तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. कठोर साधना और ब्रह्म में लीन रहने के कारण इनको ब्रह्मचारिणी कहा गया. विद्यार्थियों के लिए और तपस्वियों के लिए इनकी पूजा बहुत ही शुभ फलदायी होती है. जिनका चन्द्रमा कमजोर हो , उनके लिए भी माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना अत्यंत अनुकूल होती है.
क्या है माँ ब्रह्मचारिणी की सामान्य पूजा विधि?
- माँ ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले अथवा सफ़ेद वस्त्र धारण करें
- माँ को सफ़ेद वस्तुएँ अर्पित करें , जैसे- मिसरी,शक्कर या पंचामृत
- माँ ब्रह्मचारिणी के लिए "ॐ ऐं नमः" का जाप करें
- जलीय आहार और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए
नवरात्र के दूसरे दिन मिलेगा मां ब्रह्मचारिणी का आशीर्वाद
चन्द्रमा अगर गड़बड़ हो तो किस तरह की समस्याएं होती हैं?
- सर्दी जुकाम और शीतजन्य समस्याएँ
- मानसिक तनाव और भावुकता की समस्या
- नींद की और अवसाद की समस्या
- माँ के साथ सम्बन्ध और माता का स्वास्थ्य
नवरात्रि के दूसरे दिन क्या उपाय करें जिससे चन्द्रमा मजबूत हो?
- ये प्रयोग नवरात्रि के दूसरे दिन करें
- देवी को सफ़ेद पुष्प अर्पित करें ,और सफ़ेद वस्तुओं का भोग लगायें
- देवी को चांदी का अर्ध चन्द्र भी अर्पित करें
- इसके बाद "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः" का कम से कम 3 माला जाप करें
- अब अर्धचंद्र को लाल धागे में पिरोकर गले में धारण कर लें
- आपकी मानसिक बीमारियाँ दूर होंगी
मां का करें इस मंत्र से जाप
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥