Shardiya Navratri 2021: शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं. ऐसे में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त व्रत, उपवास, पूजा आदि करते हैं. इसके साथ ही यदि देवी मां को प्रसन्न करने के लिए श्रीदुर्गा सप्तशती के पाठ का भी विधान है. यदि आपको दुर्गा सप्तशती का पाठ कठिन लग रहा है, तो आप कुंजिका स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं. ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय से जानें कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने के चमत्कारिक लाभ.
नवरात्रि में पाठ करने से मिलता विशेष लाभ
ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि यह स्तोत्र श्रीरुद्रयामल के गौरी तंत्र में शिव पार्वती संवाद के नाम से उदधृत है. दुर्गा सप्तशती का पाठ थोड़ा कठिन है. ऐसे में कुंजिका स्तोत्र का पाठ ज्यादा सरल भी है और ज्यादा प्रभावशाली भी है. मात्र कुंजिका स्तोत्र के पाठ से सप्तशती के सम्पूर्ण पाठ का फल मिलता है. इसके मंत्र स्वतः सिद्ध किए हुए हैं. इसलिए इन्हें अलग से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है. यह अद्भुत स्तोत्र है, जिसका प्रभाव बहुत चमत्कारी है. इसके नियमित रूप से पाठ से समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति हो जाती है. नवरात्र में यदि इसका पाठ किया जाए तो और शुभ होगा.
ये होते हैं फायदे
ज्योतिर्विद शैलेंद्र पांडेय ने बताया कि सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के पाठ से व्यक्ति को वाणी और मन की शक्ति मिलती है. उनके अंदर असीम ऊर्जा का संचार होता है. खराब ग्रहों के प्रभाव से छुटकारा मिलता है और जीवन में धन समृद्धि मिलती है. जो भक्त सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करते हैं, उन पर तंत्र-मंत्र की नकारात्मक ऊर्जा का भी असर नहीं होता है.
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने के नियम
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने के बहुत ही आसान नियम हैं. हमेशा शाम के समय या रात्रि के समय इसका पाठ करें तो उत्तम होगा. देवी के समक्ष एक दीपक जलाएं. इसके बाद लाल आसन पर बैठें. लाल वस्त्र धारण कर सकें तो और भी उत्तम होगा. इसके बाद देवी को प्रणाम करके संकल्प लें. फिर कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने वाले साधक को पवित्रता का पालन करना चाहिए.