Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में पूर्वजों को याद करके दान धर्म करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. कहते हैं कि पितृपक्ष में हमारे पितृ यमलोक से धरती पर उतरते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं. पितरों को प्रसन्न करने के लिए हम तिथिनुसार श्राद्धकर्म करते हैं. पितृपक्ष के छठे दिन षष्ठी श्राद्ध करने की परंपरा है. इस दिन परिवार के उन मृत सदस्यों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि पर होती है. इसे छठ श्राद्ध भी कहा जाता है.
षष्ठी श्राद्ध की विधि
इस दिन सवेरे जल्दी उठकर स्नान करने के बाद जिस स्थान पर जहां पितृ तर्पण करना हो उसे गंगाजल से पवित्र करें. इसके बाद घर की महिलाएं पितरों का भोग तैयार करें. इसके बाद ब्राह्मण को घर पर आमंत्रित करें या मंदिर जाकर पितरों का विधिवत तर्पण करवाएं.
पितरों के समक्ष आग में गाय का घी, दही, और खीर अर्पित करें. पितरों के लिए बनाए गए भोजन को चार अलग हिस्सों में परोसें. इसमें एक हिस्सा गाय, दूसरा कुत्ते, तीसरा कौए और चौथा देव के लिए रखें. गाय, कुत्ते और कौए को खाना डालने के बाद किसी ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन करवाकर उन्हें वस्त्र और दान-दक्षिणा दें. अगर आस-पास ब्राह्मण उपलब्ध न हों तो यह कार्य दामाद या भतीजा भी कर सकता है.
अगर कोई व्यक्ति श्राद्ध, तर्पण करने में सक्षम न हो तो उसे पूर्ण श्रद्धा के साथ अपने सामर्थ्य अनुसार उपलब्ध अन्न, साग, फल या जरूरत की सामग्री ब्राह्मण को आदर भाव से दान कर देनी चाहिए. इससे भी श्राद्ध करने का पूरा फल मिलता है. लेकिन ख्याल रखें कि श्राद्धकर्म कभी भी उधार पैसे लेकर नहीं करना चाहिए.
षष्ठी श्राद्ध मुहूर्त
कुतुप मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 53 मिनट से सुबह 11 बजकर 42 मिनट तक
रौहिण मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 42 मिनट से दोपहर 12 बजकर 31 मिनट तक
अपराह्न काल- दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से दोपहर 02 बजकर 58 मिनट तक
आगामी श्राद्ध तिथियां
05 अक्टूबर 2023, गुरुवार सप्तमी श्राद्ध
06 अक्टूबर 2023, शुक्रवार अष्टमी श्राद्ध
07 अक्टूबर 2023, शनिवार नवमी श्राद्ध
08 अक्टूबर 2023, रविवार दशमी श्राद्ध
09 अक्टूबर 2023, सोमवार एकादशी श्राद्ध
10 अक्टूबर 2023, मंगलवार मघा श्राद्ध
11 अक्टूबर 2023, बुधवार द्वादशी श्राद्ध
12 अक्टूबर 2023, गुरुवार त्रयोदशी श्राद्ध
13 अक्टूबर 2023, शुक्रवार चतुर्दशी श्राद्ध
14 अक्टूबर 2023, शनिवार सर्व पितृ अमावस्या