आज सावन का चौथा सोमवार है. आज के दिन भक्त पूरी श्रद्धा से महादेव को खुश करने की कोशिश करते हैं. शास्त्रों के अनुसार सावन के सोमवार में कुछ खास उपायों से भोलेनाथ शिघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. खासतौर से भक्त आज के दिन मंदिर जाकर भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं. सावन के महीने में रुद्राभिषेक का खास महत्व होता है.
रुद्राभिषेक में इस्तेमाल होने वाली चीजें- दूध से शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना सबसे शुभ माना जाता है. मान्यता है कि शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने से भोलेनाथ भक्तों को बुद्धि का वरदान देते हैं. वहीं दही से रुद्राभिषेक करने से कार्य में आ रही बाधाएं दूर होती हैं. शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से मान-सम्मान बढ़ता है. भगवान शिव का अभिषेक इत्र से करने से मानसिक तनाव दूर होता है. घी से चढ़ाने से अच्छी सेहत का वरदान मिलता है. गंगाजल से घर में सुख-समृद्धि आती है वहीं भगवान शिव का अभिषेक पंचामृत से करने से सारी मनोकामना पूरी होती है. गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक करने से आर्थिक समस्या दूर होती है. शिवलिंग पर शुद्ध जल चढ़ाने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
शिव पूजन में रुद्राभिषेक का महत्व- मान्यता है कि शिव के रुद्र रूप को रुद्राभिषेक बहुत प्रिय है. कृपा से सारे ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है. सावन में रुद्राभिषेक करना ज्यादा शुभ होता है. किसी भी तरह के कष्ट या ग्रहों की पीड़ा रुद्राभिषेक करने से दूर हो जाती है. मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम होता है. मान्यता है कि कुंडली में मौजूद महापातक या अशुभ दोष भी शिव जी का रुद्राभिषेक करने से दूर हो जाते हैं.
सावन में शिव स्तुति के लाभ- धर्मग्रंथों में भोलेनाथ की कई स्तुतियां हैं. पुराणों के अनुसार सावन के सोमवार में शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं. नियमित रूप से शिव स्तुति करने से कभी भी धन-सम्पति की कमी नहीं होती है. इससे भक्तों में व्यक्ति का चेहरा तेजमय होता है, आत्मबल मजबूत होता है. शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और शनि दोष को कुप्रभावों से भी छुटकारा मिलता है. जिन लोगों की कुण्डली में सर्प योग, कालसर्प योग या पितृ दोष लगा हुआ उन्हें शिव स्तुति का विशेष लाभ मिलता है.