Sakat Chauth 2024: सकट चौथ के व्रत का सनातन धर्म में विशेष महत्व है जो प्रथम पूज्य भगवान गणेश को समर्पित होता है. इस व्रत को हर साल बहुत ही श्रद्धा के साथ किया जाता है. इस दिन विघ्नहर्ता गणेश की पूजा से व्यक्ति के सभी संकट खत्म हो जाते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. सकट चौथ का व्रत मुख्यतः संतान की दीर्घायु के लिए महिलाओं द्वारा किया जाता है.
सकट चौथ का व्रत करने से जातक के जीवन में कभी कोई बाधा नहीं आती है. मान्यता है कि गणेश जी ने माता पार्वती और पिता शिव जी की परिक्रमा सकट चौथ के दिन ही की थी. हालांकि, इस दिन शिव जी, मां पार्वती, चंद्र देव और कार्तिकेय जी और माता सकट की पूजा का विधान है. कहते हैं कि सकट चौथ के दिन कुछ खास उपाय करना बड़ा ही शुभ माना जाता है. तो आइए जानते हैं सकट चौथ के खास उपायों के बारे में.
सकट चौथ के उपाय
1. कार्य में सफलता के लिए
हर काम में सफलता पाने के लिए सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को गेंदे का पीला फूल चढ़ाएं और इसके साथ ही भगवान गणेश को भोग में पीले मोदक भी अर्पित करें.
2. कष्ट दूर करने के लिए
जीवन में आ रहे हर कष्ट, बाधा को दूर करने के लिए सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजन करें और इसके साथ ही 'ऊं गं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा' मंत्र का जाप जरूर करें.
3. सुख समृद्धि के लिए
सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को जोड़े में दुर्वा अर्पित करें. इसके साथ ही दुर्वा अर्पित करते हुए 'इदं दुर्वादलं ऊं गं गणपतये नम: ' मंत्र का जाप करें.
सकट चौथ पूजन विधि
इस दिन सबसे पहले स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना है. इसके बाद गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें. उसके बाद गणेश जी को तिलक लगाएं, दुर्वा, जल, चावल, जनेऊ अर्पित करें. फिर गणेश जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. सकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी हुई चीजों का भोग जरूर लगाना है. इसके बाद धूप और दीया जलाकर भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें.
साथ ही इस दिन सकट चौथ की कथा का जाप भी करना चाहिए. इस दिन गणेशजी के 12 नामों का उच्चारण भी करना चाहिए. शाम के समय भी इसी तरह गणेश जी की पूजा करनी चाहिए. चंद्रमा को अर्घ्य देते समय लोटे में तिल भी डालना है. इस दिन गाय की सेवा भी जरूर करनी चाहिए. शाम को चंद्र दर्शन के बाद व्रत का पारण करना है.